दानवीर कर्ण की आत्म गाथा का सजीव मंचन

एनटीपीसी सिंगरौली में चार दिवसीय संभागीय नाट्य समारोह प्रारंभ

सोनभद्र(सर्वेश कुमार)। दानवीर कर्ण की आत्मगाथा को देख एनटीपीसी सिंगरौली के दर्शक मंत्रमुग्ध हुए। उत्तर प्रदेश संगीत एवं नाटक अकादमी, लखनऊ एवं एनटीपीसी सिंगरौली, सोनभद्र के सहयोग द्वारा चार दिवसीय सम्भागीय नाट्य समारोह का शुभारंभ बीते शाम को किया गया। यह नाट्य कार्यक्रम 31 जनवरी से 03 फरवरी 2024 तक प्रतिदिन सायं 7 बजे से एनटीपीसी सिंगरौली के सरस्वती सभागार, कर्मचारी

विकास केंद्र मे आयोजित किया जा रहा है। नाट्य समारोह के पहले दिवस के कार्यक्रम का शीर्षक कर्णभारम् था। “कर्णभारम्” की इस प्रस्तुति में दानवीर कर्ण के व्यक्तित्व के आद्योपांत प्रसंगो को संयोजित करने की दृष्टि से कर्ण के जन्मवृत्तान्त, युवा कर्ण को रंगशाला में अर्जुन द्वारा ललकारने, माता कुंती के मूर्छित होने, दुर्योधन द्वारा कर्ण को अङ्गदेश का राजा बनाने, माता कुंती द्वारा कर्ण को कौरवपक्ष से युद्ध न करने के आग्रह एवं महाभारत के युद्ध में कर्ण के महाप्रयाण के दृश्यों को दृश्यबंध करते हुए दिखाया गया कि किस प्रकार

युद्धभूमि में कर्ण का रथचक्र भूमि में धँस जाता है जिसे निकालने का प्रयत्न करते समय श्री कृष्ण के संकेत पर अर्जुन के बाण-प्रहार से कर्ण वीरगति को प्राप्त होते हैं। चार दिवसीय के इस नाट्य समारोह का मुख्य उद्देश्य एनटीपीसी के परिवारजनों में स्वस्थ मनोरंजन का प्रसार करना तथा महाभारत की ऐतिहासिक कथावस्तु के माध्यम से नाट्य प्रस्तुति द्वारा दर्शकजनों की मानवीय संवेदनाओं को उकेरना तथा महारथी कर्ण का जीवन, सामाजिक त्याग एवं बलिदान की प्रेरणाको लोगों के हृदय में जागृत करना था। प्रथम दिन के कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि के आशीर्वचनों द्वारा सम्पन्न हुआ, जिसमें उन्होंने नाटक में सम्मिलित सभी कलाकारों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा की उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी,लखनऊ के सौजन्य से आने वाले दिनों में अलग अलग विधाओं में कई सुप्रसिद्ध प्रस्तुतियाँ आयोजित की जाएंगी जिसका एनटीपीसी परिक्षेत्र साक्षी बनेगा।

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