ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया के प्रयोग की तकनीकी एवं इसके प्रयोग से होने वाले लाभ के बारे में किसानों को जागरूक किया गया

सुरभी चतुर्वेदी की रिपोर्ट

वाराणसी। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक क्रियान्वयन हेतु पी0एम0 प्रणाम योजना प्रस्तावित की गयी है। योजनान्तर्गत आगामी 03 वर्षाे में रसायनिक उर्वरकों (डी0ए0पी0, यूरिया, एन0पी0के0 एवं एम0ओ0पी0) के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों यथा- नैनो तरल यूरिया/नैनो तरल डी0ए0पी0, सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) एवं सिंगल सुपर फास्फेट को बढ़ावा देने तथा कृषकों को संतुलित मात्रा में उर्वरकों के उपयोग एवम् रासायनिक उर्वरको के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के महत्व के विषय में किसान पाठशाला एवं मेला/गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह ने बताया कि कानपुर फर्टिलाइजर एण्ड केमिकल्स लि0 के द्वारा जनपद के सदर तहसील के अन्तर्गत पैगम्बरपुर में पंचक्रोशी चैराहे से सब्जी मण्डी तक, तहसील- राजातालाब में गुप्ता खाद भण्डार राजातालाब से सर्वोत्तम खाद भण्डार राजातालाब तहसील तक एवं तहसील-पिण्डरा के अन्तर्गत के0डी0 इन्टर कालेज मंगारी से स्टेशन तक बैंण्ड-बाजे के साथ रोड शो और गोष्ठी कर ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया के प्रयोग की तकनीकी एवं इसके प्रयोग से होने वाले लाभ के बारे में किसानों को जागरूक किया गया। जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह के द्वारा तहसील-पिण्डरा के अंतर्गत मंगारी में आयोजित कार्यक्रम में किसान भाइयों को अवगत कराया गया कि कृषि क्षेत्र में असंतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किये जाने के कारण मृदा स्वास्थ्य, कृषि उत्पादों एवम् पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही साथ जल प्रदुषण एवं वायु प्रदुषण मे बृद्धि होने के कारण पशु, मानव एवं फसलों पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। जिसके क्रम में आप सभी से अपील की जाती है कि मृदा परीक्षण के आधार पर वैज्ञानिक संस्तुतियों के अनुसार फसलों में संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें तथा यूरिया, डी0ए0पी0,एन0पी0के0 एवं एमओपी के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों यथा- नैनो तरल यूरिया/नैनो तरल डी0ए0पी0, सल्फर कोटेड यूरिया(यूरिया गोल्ड), सिंगल सुपर फास्फेट, हरी खाद, जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट एवम् फसल चक्र को अपनायें तथा जैविक एवं प्राकृतिक खेती की विधा को भी अपनाते हुए खेती करें। इससे खेती के लागत में कमी आयेगी तथा मृदा एवं पर्यावरण के स्वास्थ्य मे सुधार होने साथ-साथ जो उत्पाद प्राप्त होगा, वह उच्च गुणवत्ता युक्त एवम् मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा, जिसका बाजार मूल्य भी अधिक प्राप्त होगा, जिससे आप सभी के आय में भी वृद्धि होगी। कार्यक्रम में कम्पनी के क्षेत्रीय प्रबंधक आनन्द कुमार सिंह, महाप्रबंधक के0एन0मलहोत्रा, गोपाल शर्मा, स्टेट मैनेजर पंकज शाह, प्रगतिशील किसान श्री अरूण सिंह, सतीश कुमार सिंह, प्रवीण पटेल, देवनाथ पटेल, अमरनाथ मौर्य के साथ-साथ सैकड़ों किसान उपस्थित रहे। इसी के साथ सहायक विकास अधिकारी(कृषि) केशव प्रसाद यादव, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक-बी ठाकुर प्रसाद, उर्वरक सहायक अरबिन्द श्रीवास्तव, बीज सहायक अनिल सिंह तथा उर्वरक व्यवसायी राधेश्याम अग्रवाल, देवेन्द्र नारायण रस्तोगी, अशोक कुमार सिंह, मनोज कुमार, संदीप अग्रहरी आदि उपस्थित रहे।

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