हरे पेड़ों की कटाई कर सडक़ किनारे एकत्रित लकडी का मालिक कौन, वन विभाग क्यों मौन

शाहगंज-राजगढ़ सम्पर्क मार्ग पर सडक़ किनारे एकत्रित हरी लकडी

सोनभद्र। वन्य क्षेत्र महुअरिया के अंतर्गत अवैध हरे भरे पेड़ों की कटाई करके उक्त स्थलोँ पर ही पेड़ व टहनियों को सुखवाकर फिर शाहगंज-राजगढ़ सडक किनारे एक जगह एकत्र करके पैसा कमाने का जरिया कुछ लोगों द्वारा बन चुका है। जिससे अवैध लकड़ी काटने का काला धंधा पूरे महुअरिया वन्य क्षेत्र में जोरों पर फल फूल रहा है जबकि प्रतिदिन इसी रास्ते प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों का आना-जाना भी लगा रहता हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बीते जुलाई महीने मे वृक्ष बचाओ

अभियान के तहत करोड़ो पौधे लगाकर प्रथम स्थान प्रदेश में जनपद सोनभद्र ने बनाया था। जागरूक लोगों का कहना है कि महुअरिया वन्य क्षेत्र के अंतर्गत क्षेत्र में किसके इशारे पर आए दिन हरे पेड़ों को काटा जा रहा है व उसके अस्तित्व तक को समाप्त कर दिया जा रहा है यह एक चिंतनीय विषय है

तथा जिससे वातावरण पर इसका प्रतिकूल असर बराबर सभी मौसमों मे दिखाई दे रहा है। वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी हरे पेड़ों की कटाई पर मौन धारण किए हुए हैं जिसका खामियाजा मनुष्य, पशु-पक्षी पर आने वाले दिनों पर साफ दिखाई देगा और गांव की तरफ जो हरे भरे पेड़ बचे हुए हैं उसको जंगल माफिया काटने मे दिन-रात मशगूल नजर आ रहे हैं। अगर इसी तरह पेड़ पौधों को काटा जाता रहा तो लोगों को चिंता है कि वह दिन दूर नहीं जब जंगलों का राजा सोनभद्र भी रेगिस्तान हो जाएगा। ग्रामीणों ने वन विभाग से इस तरह अवैध रूप से हरे पेडों को काटकर फल-फूल रहे वन माफिया की जाँच कराकर संलिप्त लोगों के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की है। महुअरिया वन्य क्षेत्र दरोगा से सेलफोन पर जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र के बाहर था जिससे उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।

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