
वाराणसी से सुरभी चतुर्वेदी की रिपोर्ट
शैलेंद्र सिंह डिवाइन अस्तित्व ने कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में कृष्ण के बारे में अहम जानकारी साझा की
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर विश्वविख्यात धार्मिक नगरी काशी की आध्यात्मिक एवं वैदिक संस्था डिवाइन अस्तित्व के निदेशक श्री शैलेन्द्र सिंह ने महमूरगंज, वाराणसी स्थित कार्यालय से भगवान श्री कृष्ण के बारे में एक अहम् जानकारी साझा की, मानव कल्याण के संदर्भ में …
उन्हें बताया गया कि श्री कृष्ण का जन्मोत्सव संपूर्ण विश्व में मनाया गया उल्लास से और बहुत से लोगो ने उन्हें अपनी पूजा का फोटो वीडियो भी साझा किया। सभी ने अपने मंदिरों की सजावट की और अपने प्रिय लड्डू गोपाल जी को स्नान कराया दूध से, दही से और उनका प्रिय मक्खन का भोग भी लगाया, लेकिन कहीं उन्हें भगवान श्री कृष्ण को उनका प्रिय आभूषण नहीं पहनाया गया।
क्या हैं श्री कृष्ण के प्रिय आभूषण…
श्री कृष्ण की सर्वप्रिय आभूषण वैजन्ती माला है और 10 मुखी रुद्राक्ष
वैजंती का अर्थ है विजय और माला वो, जो धरन करते हैं गले में। सिद्धांत यह है कि इस मंगल को माता पृथ्वी ने श्रीकृष्ण को सृष्टि की रक्षा के लिए युद्ध के बाद श्रद्धा और प्रेम से मित्र में दी थी, और तब से श्रीकृष्ण को यह अत्यंत प्रिय है। मान्यता अनुसार भगवान राम ने माता वैष्णोदेवी को अगले जन्म में उन्हें विवाह का वचन देते हुए अपने गले से उतारकर उपहार स्वरूप वैजयंती माला उन्हें भेंट की थी और तभी से उनसे आगामी जन्म में अपने नए अवतार के रूप में जन्म ले कर उनसे विवाह करने के वचन के रूप में अपने गले से उतार कर उपहार स्वरूप भेंट की थी तभी से मां वैष्णो को यह माला और पुष्प काफी प्रिय हैं।
क्यो करें वैजयंती माला धारण और 10 मुखी रुद्राक्ष वैजयंती धारण धारण करने से मन शांत होता है मन में आ रहे नकारात्मक भाव समाप्त हो जाते हैं।धनलाभ बना रहता है और इसे धारण करने से विवाह शीघ्र होता है।
हर कार्य के रुकावत दूर होती है और निरंतर प्रगति करते हैं
श्री कृष्ण ने सदेव 10मुखी रुद्राक्ष धारण किया था और इसीलिए 10 मुखी रुद्राक्ष को कृष्ण रुद्राक्ष भी कहा जाता है । 10 मुखी पहनने वाले को काले जादू, बुरी नजर, दुर्घटनाओं से बचाता है। इससे भूत-प्रेत का भय समाप्त हो जाता है. इसके कईचिकित्सीय लाभ हैं क्योंकि यह अनिद्रा, बेचैनी, उच्च रक्तचाप को ठीक करने में सहायता करती है।
*हर किसी को श्रीकृष्ण को उनका पसंदीदा आभूषण पहनाना चाहिए क्योंकि यह घर को जीवन की बाधाओं को दूर करने के साथ जबरदस्त ऊर्जा प्रदान करता है और मजबूत पारिवारिक बंधन का भी आशीर्वाद देता है। यह धन और प्रसिद्धि सृजन की सुविधा प्रदान करता है..
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