बदलते मौसम में श्वांस के मरीज रहे सावधान —- डॉ. एस.के पाठक

सुरभी चतुर्वेदी की रिपोर्ट


ये वक्त मौसम में बदलाव का है, इन दिनों एलर्जी व अस्थमा के मरीजों को विशेष हिदायद की जरुरत होतीं हैं I
– डॉ.एस.के पाठक
वाराणसी।ब्रेथ ईजी चेस्ट सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, अस्सी वाराणसी द्वारा “ब्रेथ ईजी सेमिनार कांफ्रेंस हॉल” में आयोजित एक “पेशेंट्स एजुकेशन प्रोग्राम” में डॉ. एस.के पाठक (वरिष्ठ श्वांस, एलर्जी, फेफड़ा रोग विशेषज्ञ) ने मरीजों को बताया कि “मौसम बदलने के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जाता है। यह मौसम जिसमे बरसात के बाद वाली गर्मी व उमस में श्वांस रोगियों के लिए ट्रिगर फैक्टर का काम करता हैं । सांस, दमा रोगियों को धूल व गर्मी से बचाव रखने के साथ ही सुबह-शाम घर से निकलते समय पूरे कपड़े पहनने चाहिए, साथ ही पानी खूब पीना चाहिए लेकिन तैलीय खाद्य पदार्थों से परहेज रखें। डॉ. पाठक ने मरीजों को अस्थमा के लक्षण के बारे में भी बताया जिसमे सांस लेने में परेशानी होना, दम घुटना, सांस लेते समय आवाज होना, सांस फूलना, छाती में कुछ जमा हुआ सा या भरा हुआ सा महसूस होना, बहुत खांसने पर चिकना-चिकना कफ आना, मेहनत वाले काम करते समय सांस फूलना आदि होते हैं।“
डॉ. पाठक ने मरीजों को आगे बताया कि “मौसम बदलने पर होने वाली एलर्जी हल्के से लेकर गंभीर हो सकती है, जिसमें सबसे आम है छींकें आना, नाक बहना, सर्दी और ज़ुकाम, साइनस में सूजन, कान में कंजेशन, सीने में कंजेशन, शरीर और मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार और चक्कर आना I इस दिनों अस्थमा के मरीजों को दिक्कतें ज्यादा बढ़ जाती हैं, इसलिए उनके चिकित्सक द्वारा बताए गए इन्हेलर/ नेसल स्प्रे को उन्हें नियमित इस्तमाल करना चाहिए व एलर्जी के मरीजों को एलर्जी टेस्ट करवाकर उसके अनुरूप दवा पुन: लेना चाहिए I अस्थमा के मरीजों को मौसम के अचानक बदलाव से सावधान रहना चाहिए, खास तौर पर जल्दी-जल्दी गर्म और सर्द वातावरण में भी नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा इस मौसम में स्वस्थ रहने के लिए अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना बेहद अहम है। जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक होती है, उन्हें सर्दी- जुकाम आदि जैसी समस्याएं आसानी से नहीं होती।
डॉ पाठक ने खान-पान ठीक रखने के लिए विशेष सलाह दी जिसमे उन्होंने बताया कि खाने में पपीता, कद्दू, गाजर, टमाटर, पालक, अमरूद जैसी मौसमी सब्जियों और फलों को जरूर शामिल करना चाहिए, जिससे शरीर का तापमान मौसम के मुताबिक रहे, डॉ पाठक ने मरीजो को ये भी बताया कि इस मौसम में बहुत ज्यादा ए.सी के प्रयोग और उसके बाद गर्मी वाले वातावरण में आने के कारण जुकाम-खांसी के विषाणु ज़्यादा फैलते हैं। इसी वजह से ऐसे में अकसर लोगों को खांसी की समस्या रहती है। ऐसे में ठंडी चीज़ें जैसे कि कोल्ड ड्रिंक आइसक्रीम आदि खाने से तकलीफ में इज़ाफा हो सकता है। डॉ. पाठक ने बताया यदि आपको साइनस की समस्या है तो धूल- मिट्टी से अपना बचाव करें। गर्मियों में कुछ लोग पानी कम और चाय, कॉफी ज्यादा पीते हैं, जिससे उन्हें डिहाइड्रेशन होने लगता है, ऐसें में इससे बचें।“

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