बड़े अकीदत के साथ मना मुहर्रम का त्योहार

रामजियावन गुप्ता/बीजपुर(सोनभद्र)कर्बला की जंग व उसमें शहीद हुए इमाम हुसैन व उनके 72 शहिदो की याद में शनिवार को बीजपुर बाजार,खम्हरिया,राजो,बख्रिहवा,आदि स्थानों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा मातम जुलूस निकाला गया। मोहर्रम पर निकले इस जुलूस में बड़ों के अलावा छोटे बच्चें भी सीना पीट रहे थे। या हुसैन या हुसैन की नारें से पूरा क्षेत्र गूंज रहा था। वहीं विभिन्न जगहों से ताजिया जुलूस भी निकाला गया जो गली, चौक-चौराहें व सड़कों पर रुककर कर इमाम हुसैन की शहादत की कहानी बयां कर रहे थे जिसमे हिंदू मुस्लिम दोनो लाठियां व तलवार भांजकर अपना करतब दिखा रहे थे। बीजपुर के सदर हाजी खलील ने तकरीर करते हुए कहा कि करीब 1400 वर्ष पहले इराक में यजीद नाम का जालिम बादशाह इंसानियत का दुश्मन था। यजीद खुद को खलीफा मानता था।

वह जनता पर हद से ज्यादा जुल्म किया करता था। वह चाहता था कि हजरत इमाम हुसैन उसके खेमे में शामिल हो जाएं लेकिन हुसैन को यह मंजूर नहीं था उन्होंने अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई यजीद ने तीन दिनों से भूखे-प्यासे इमाम हुसैन व उनके साथियों को कर्बला में शहीद कर दिया। हुसैन के छह माह के बेटे अली असगर को भी शहीद कर दिया। घर की औरतें व बड़े बेटे इमाम सज्जाद को गिरफ्तार कर लिया। इसी की याद में यह मुहर्रम का त्यौहार मनाया जाता हैं। चाक चौबंद सुरक्षा के मद्देनजर निरीक्षक (क्राइम)अशोक यादव,उपनिरीक्षक विनोद यादव मय फ़ोर्स पूरे क्षेत्र का भ्रमण करते नजर आए जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना ने घटे। जुलूस में मंसूर आलम,नसीम अख्तर , परवेज आलम,मीरहसन,गामा कुरैशी,हाजी खलील ,रियाजुद्दीन,अफसरा मास्टर,निजाम कुरैशी,यूनुस कुरैशी,मोहमद अली,तौफीक आलम, इमरोज,अफरोज,इश्तियाक, रहमत अंसारी,वाजिस खलीफा,मुस्तकीम,सफदर शाह आदि लोग शामिल रहे।

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