हल छूने वाली महिला को दंडित करने के लिए जुटी थी ग्रामीणों की भीड़, पुलिस की सूझबूझ से मामला सुलझा

पुलिस की सूझ बूझ ने सोनांचल को शर्मसार होने से बचाया!

मामला रसपहरी गांव का जहां हल छूने वाली महिला को दंडित करने के लिए जुटी थी ग्रामीणों की भीड़

प्रभारी निरीक्षक के समझाने के बाद मामला हुआ शांत

सोनभद्र। जनपद के म्योरपुर थाना क्षेत्र के दुद्धी विधायक के गांव रास पहरी के कोटर डूबा टोले में 15 दिन पूर्व अपने खेत से हल उठा कर घर पर लाने को लेकर बुधवार को बुलाई गई पंचायत में जुटी महिलाओ के आगे पुलिस बेबस नजर आई । बावजूद इसके पुलिस की ही सूझ बूझ से सोनभद्र शर्मसार होने से बच गया। पीड़ित महिला ने बताया कि जब मैं घर में खाना खा रही थी तो दर्जन भर महिलाए आकार मुझे पंचायत में ले गई वहा लगभग तीन सौ लोग उपस्थित थे। कुछ महिलाओ ने मुझे कहा कि तुम घर से हल ले आओ और तुम्हे बैल बना के दंड स्वरूप हल जोतेंगे। इसके बाद किसी ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पूर्व ग्राम प्रधान रामदयाल कमलेश मिश्र ने बताया कि महिलाए पुलिस के सामने दलील देने लगी कि यह गांव पंचायत का मामला है । प्रशासन इसमें दखल न दे। बहुत समझाने के बाद महिलाए अपनी बात पर अड़ी रही । जब पुलिस गांव की पंचायत की नेतृत्व करने वालो को थाने ले जाने लगी तो सैकड़ो महिलाओ ने कहा हम सब थाने चलेंगी और इसके बाद दर्जनों की संख्या में महिलाएं और पुरुष थाने पहुंच गए और प्रभारी निरीक्षक से सवाल करने लगे कि पंचायत में पुलिस कैसे पहुंची। पुलिस ने धैर्य से काम लेते हुए सभी को समझाया कि हल छूना अपराध नही है। लेकिन किसी को दंडित करना उचित नहीं है। प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण पर्वत ने कहा कि महिला के अपराध की सजा पूजा पाठ से ठीक हो जायेगा तो पीड़ित महिला के तरफ से हम पूजा पाठ का पैसा प्रसाद चढ़ाने के लिए देंगे। इसके बाद सभी लोग गांव लौट गई। पूर्व प्रधान ने बताया कि दर असल कुछ लोग राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए महिलाओ को आगे कर अपना मकसद साधने के लिए पंचायत बुलाए थे।

पुलिस नही आती तो मेरे साथ कुछ भी घटना घट जाती।

रासपहरी की कोटर डूबा की पीड़ित महिला ने बताया कि पुलिस मौके पर नही आती तो पंचायत की अगुवाई करने वाले मुझे बैल बना के पांच फेरा हल जोतावते और अभद्र व्यवहार भी कर सकते थे। बताया कि मेरे पति घर पर थे नही। बच्चों से फोन कराया तब किसी ने पुलिस को जनकारी दी। प्रधान प्रतिनिधि राम दयाल ने बताया कि मुझे पंचायत की जानकारी नहीं दी गई थी जब भीड़ बेकाबू हो गई तब मुझे पुलिस ने सूचना दिया और हम मौके पर गए।

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