बहुचर्चित उम्भा कांड के शहीद आदिवासियों को अर्पित की श्रद्धांजलि

बीजेपी सरकार में आदिवासियों का शोषण बदस्तूर जारी है: भगवती प्रसाद चौधरी

घोरावल-सोनभद्र(सर्वेश कुमार/रमेश कुशवाहा)। जिले के घोरावल तहसील के अंतर्गत 4 वर्ष पूर्व घटित हुए बहुचर्चित उम्भा नरसंहार कांड में शाहिद हुए आदिवासियों की चौथी बरसी पर श्रद्धांजलि अर्पित करने जा रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन और कांग्रेसियों के बीच झड़प भी हुई। बताते हैं कि कांग्रेसियों ने आदिवासी पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर

श्रद्धांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष उषा चौबे ने बताया कि रविवार को हम कांग्रेस कार्यकर्ता उम्भा नरसंहार में शहीद हुए आदिवासियों के कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे जहाँ पहले से तैनात एसडीएम व पुलिस क्षेत्राधिकारी घोरावल के नेतृत्व में महिला थानाध्यक्ष रॉबर्ट्सगंज सरोजमा सिंह सहित कई थाने की

पुलिस फोर्स मौजूद रहे जहां बरसी मानने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आदिवासी परिवार को पुलिस ने रोक दिया।
इस दौरान पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता भगवती प्रसाद चौधरी ने कहा कि बीजेपी सरकार में आदिवासियों का शोषण बदस्तूर जारी है। बरसी मानने से रोकना लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने आगे कहा आये दिन दलितों पर थूक कर चटवाना, आदिवासियों के ऊपर थूकना बीजेपी सरकार की नाकामी को दरसाता है। प्रदेश सचिव कमलेश ओझा ने बीजेपी सरकार को तानाशाह करार देते हुए कहा कि बरसी में जाने से रोकना आदिवासी विरोधी होने का परिचायक है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष रामराज सिंह गोंड़ ऑल शहर कांग्रेस अध्यक्ष राजीव त्रिपाठी ने कहा कि इस सरकार में आदिवासियों पर जुल्म लगातार बढ़ते जा रहे है। आज बीजेपी सरकार के इशारे पर ही प्रशासन ने हमें पीड़ित परिवार को श्रद्धांजलि अर्पित नही करने दे रही है। महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष उषा चौबे ने कहा कि बीजेपी सरकार में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। हत्या, अपहरण, दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। कांग्रेस प्रवक्ता शत्रुंजय मिश्र ने कहा कि उम्भा नरसंहार के कई बर्ष बीत जाने के बाद भी आदिवासी मूलभूत सुविधाओं से बंचित है। सरकार अपने किये गए वादे भूल गई है। इस मौके पर नूरुद्दीन खान, राजबली पांडेय, सोनी गुप्ता, लल्लू राम पांडेय, इस्तियाक खान, अभिषेक त्रिपाठी, सहित दर्जनों अन्य कांग्रेसी एवं आदिवासी ग्रामीण जन मौजूद रहे।

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