सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। जनपद सोनभद्र के आदिवासी, संस्कृति, साहित्य, कला, आदिम गुफाचित्रों और करोड़ों वर्ष प्राचीन विश्व प्रसिद्ध फॉसिल्स आदि विषयों पर केंद्रित होगा आगामी वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय महासम्मेलन। इतना ही नहीं सोनभद्र की हसीन वादियों में फिल्म निर्माताओं द्वारा किया जाएगा फिल्मांकन। यह जानकारी वाराणसी के डीएवी कॉलेज में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय महासम्मेलन एवं इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के आयोजन में प्रतिभाग कर लौटे वरिष्ठ साहित्यकार दीपक कुमार केसरवानी ने दिया। उन्होंने कहा कि सोनभद्र जनपद में लघु भारत की छवि झलकती है, यहां पर चारों ओर गुफाओं, कंदराओ, जंगलों, पेड़ों, पहाड़ों, नदियों, झीलों के मध्य विजयगढ़, अगोरी, सिंगरौली, सोहरीगढ़ का किला, शिवालय, देवालय आदिमानव द्वारा चित्रांकित की गुफाचित्र, डेढ़ अरब वर्ष प्राचीन सलखन के फॉसिल्स सहित विश्व के अनेक जाने-माने अनूठे, रोचक, जानकारी से भरपूर स्थल है जिनको महासम्मेलन का विषय बनाकर इस पर विद्वानों से चर्चा करा कर सोनभद्र जनपद के संस्कृति को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर लाया जाएगा। साथ ही यहां की हसीन वादियों, ऐतिहासिक स्थलों, पात्रों पर फिल्माए गए फिल्म का प्रदर्शन भी किया जाएगा। श्री केसरवानी की माने तो यहां पर फिल्म की शूटिंग शुरुआत चार दशक पूर्व भोजपुरी फिल्म सिंदुरवा भईल महाल से हुई थी और आज सोनभद्र में हिंदी फिल्म, बंबइया भोजपुरी फिल्म, एल्बम टेलीफिल्म की शूटिंग प्रतिदिन हो रही है। इतना ही नहीं प्रख्यात उपन्यासकार देवकीनंदन खत्री द्वारा रचित विजयगढ़, चुनारगढ़, नौगढ़, रियासत पर आधारित, धारावाहिक चंद्रकांता दूरदर्शन पर प्रसारण के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूम मचा सोनभद्र को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई।