अवैध खनन कर्ताओं में मची खलबली
सोनभद्र। जनपद के दुद्धी तहसील क्षेत्र अंतर्गत कनहर नदी में खोखा बालू साइड में बालू खनन के लिए मिले लीज के आड़ में वहा से एक किमी दूर दूसरी छोर पर बोधाडीह में लगभग एक किमी परिक्षेत्र में अवैध खनन की पुष्टि होने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर खनन विभाग ने नोटिस जारी किया है। प्रशासन की इस कार्रवाई से खनन कर्ताओ में खलबली मच गई है । जांच में कहा गया है कि एक लीज धारक को खोखा बालू साइड के लिए कनहर नदी में 11.336 हेक्टेयर परिक्षेत्र में खनन की अनुमति दी गई है लेकिन लीज धारक ने वहा से हट कर बोधड़ीह में खनन किया है,जिसके लिए वसूली की नोटिस जारी की गई है।बताया जा रहा है की जिलाधिकारी से पर्यावरण कार्यकर्ता और स्थानीय लोगो ने शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि बोधा डीह में कनहर से बिना लीज के ही लाखो रुपए का बालू निकाल लिया गया और राजस्व के साथ बड़े पैमाने पर पर्यावरण तथा जलीय जीवों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। एक स्थानीय बुजुर्ग ने रजिस्ट्री पत्र के माध्यम से आरोप लगाया था कि खनन कर्ता के गुर्गे हम ग्रामीणों को चुप रहने की धमकी दे रहे है। साथ ही दुद्धी और विंडमगंज वन क्षेत्राधिकारी की भूमिका की भी जांच की मांग की गई थी जिसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने जांच कराई तो मामला सही पाया गया।
वाचरों से कराई जा रही थी वाहनों की गिनती
सोनभद्र ।कनहर नदी में खोखा बालू साइड की आड़ में बोधा डीह में अवैध बालू खनन के दौरान कथित रूप से एक रेंजर दो वचारों से वाहनों की गिनती करा रहा था। इस दौरान जब खनन कर्ताओं ने दो दिन पैसा नही दिया तो जे सी बी आपरेटर को एक अमुक जगह बुला कर बैठाया गया । स्थानीय ग्रामीणों ने बताया की पैसा मिलने के बाद ही दोनो को छोड़ा गया।आरोप है कि कथित सफेद पोस द्वारा खनन और और वन विभाग की मिली भगत से अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा था ।
दुर्गम स्थान का उठाया फायदा
सोनभद्र।खोखा बालू साइड की आड़ में बोधडीह में अवैध खनन कराने में दुर्गम जगह भी साथ दिया। हाथीनाला दुद्धी मार्ग के बीच से खोखा के लिए जो रास्ता गया है वह जंगल से घिरा है आम तौर पर वहा कोई जाता नही है। इसमें स्थानीय अधिकारियों और खनन कर्ताओं ने इसका खूब फायदा उठाया और राजस्व के साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाया।सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहनी के संयोजक रामेश्वर प्रसाद ने मामले में गोपनीय जांच की मांग की है जिससे मिली भगत का राज भी सार्वजनिक हो सके।