राजेश हत्याकांड: चार दोषियों को उम्रकैद

  • 42- 42 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 8-8 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • 14 वर्ष पूर्व बोलेरो चालक की हत्या करने का है आरोप

सोनभद्र। 14 वर्ष पूर्व बोलेरो चालक राजेश हत्याकांड के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों को उम्रकैद व 42- 42 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 8-8 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला अंतर्गत बारगवा थाना क्षेत्र के उसका गांव निवासी रामचंद्र पुत्र राजपाल ने अनपरा थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसका बेटा राजेश कुमार एनसीआर कालोनी मोरवा निवासी रामबरन पुत्र रघुराई की बोलेरो चलाता है। 4 जुलाई 2009 को रात्रि 10 बजे चार लोगों ने बोलेरो को 2200 रूपये में तय कर रेणुकूट के लिए चले थे कि रास्ते में ही उसके बेटे राजेश को मारकर फेक दिया और बोलेरो लेकर भाग गए। अखबार पढ़ने पर शव की जानकारी हुई तो मौके पर जाकर देखा तो उसके बेटे का शव था। इस तहरीर पर बोलेरो तय करके के जाने वाले अकरम खां उर्फ सद्दाम पुत्र नसीर आलम निवासी ग्राम रेहला, थाना बीजपुर , जिला सोनभद्र स्थायी पता ग्राम पिपरा, थाना गढ़वा, झारखंड, सुभाशीष सरकार पुत्र निहाल रंजन सरकार निवासी वैरनिया, थाना बरगवा, जिला सिंगरौली, विजय कुमार पटवा पुत्र रमाशंकर पटवा निवासी बरगवा व राजेश वर्मा पुत्र प्रभु वर्मा निवासी बैरनिया, थाना बरगवा, जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई। मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में पांच लोगों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। जिसमें अजीत सिंह पुत्र हरिमोहन सिंह निवासी बैरनिया , थाना बरगवा , जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश का नाम प्रकाश में आने पर बढ़ाया गया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों क्रमशः अकरम खां उर्फ सद्दाम, सुभाशीष सरकार, विजय कुमार पटवा व राजेश वर्मा को उम्रकैद व 42- 42 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 8-8 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं दौरान विचारण अभियुक्त अजीत सिंह की मौत हो गई। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।

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