विराट रुद्र महायज्ञ के लिए निकली कलश यात्रा

प्रतिदिन दिल्ली से आए आचार्य कृष्ण बिहारी जी महाराज सुनाएंगे रामकथा

चुर्क स्थित वन रेंज कार्यालय के सामने किया गया है आयोजन

सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव/संजय सिंह)। चुर्क स्थित वन रेंज कार्यालय के सामने नवनिर्मित आदि शक्ति सदा शिव मंदिर धर्म स्थल तपोभूमि परिसर में मंगलवार को वैदिक रीति से पूजन अर्चन कर शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की गई। साथ ही नौ

दिवसीय विराट रुद्र महायज्ञ के लिए कलश यात्रा निकाली गई। जिसका समापन 30 मई को होगा। प्रतिदिन आरती होगी,विशाल भंडारा चलेगा, जिसमें श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे। कार्यक्रम के आयोजक भिक्षुक भिखारी जंगली दास दीनबंधु रमाशंकर गिरी जी महाराज ने बताया कि चुर्क स्थित वन रेंज कार्यालय के सामने नवनिर्मित आदि शक्ति सदा शिव मंदिर उपासना स्थल परिसर में आचार्य राधेकृष्ण तिवारी,

आचार्य रेवती तिवारी, आचार्य योगेश तिवारी, आचार्य कौशल तिवारी एवं आचार्य रामचंद्र तिवारी के जरिए वैदिक रीति से पूजन अर्चन कर शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की गई। यहां पर नौ दिवसीय विराट रूद्र महायज्ञ, रामकथा का आयोजन किया गया है। जिसका समापन 30 मई को होगा। मंदिर समिति के संयोजक एडवोकेट सुरेंद्र त्यागी ने बताया कि नवनिर्मित मंदिर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही भगवान की झांकी, कलश यात्रा, कलश स्थापना व अग्नि प्रवेश के साथ ही विराट रूद्र महायज्ञ शुरू हो गई। प्रतिदिन दिल्ली से आए आचार्य कृष्ण बिहारी जी महाराज द्वारा रामकथा सुनाई जाएगी। श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन विशाल भंडारा भी चलेगा, ताकि श्रद्धालु कथा श्रवण के साथ ही प्रसाद भी ग्रहण कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि 30 मई को विशाल भंडारे के साथ समापन होगा। भिखारी भोले सेवा ट्रस्ट कसारी रामगढ़ व विराट रूद्र महायज्ञ समिति चुर्क के पदाधिकारी,सदस्य व कार्यकर्ता कार्यक्रम को सफल बनाने में जुट गए हैं। रामचंद्र, रामवृक्ष, रामसूरत,मनोज केशरी, जनरैल सिंह, बच्चालाल जायसवाल, मीरा यादव, अमित कनौजिया, विशाल, विजय सिंह, धर्मेंद्र सिंह, मनोज सिंह, जितेंद्र गुप्ता, आलोक रावत, बुद्धिराम यादव, गोपाल केशरी, सुभाष मोदनवाल,साध्वी कृष्णावती, मीरा भट्टाचार्य,मुन्नी, सरोज सिंह, कृष्णा, राधा,संगीता, राजकुमारी, लीलावती, हीरावती, निशा, अजय कुमार यादव, रमाशंकर, नसीम कुरैशी, प्रियांशु, आकाश सिंह, अनिल, सौरभ आदित्य सिंह, नरेश कनौजिया आदि लोग मौजूद रहे।

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