- क्रमशः 15 हजार रूपये व 3 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- 21वर्ष पूर्व हुई चोरी का मामला
सोनभद्र। 21 वर्ष पूर्व हुई चोरी के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दो दोषियों क्रमशः भंवर सिंह को 7 वर्ष की कैद व 15 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं सुनील सेठ को 3 वर्ष की कैद व 3 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड ना देने पर डेढ़ माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वहीं एक अन्य आरोपी कन्हैया को दोषमुक्त करार दिया गया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक रामदेव तिवारी पुत्र धर्मजीत तिवारी निवासी म्योरपुर थाना कोतवाली दुद्धी ने थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 10 मार्च 2002 को सुबह 5 बजे भोर में उठा तो देखा कि चार बक्से और चार अटैची तोड़कर फेंके गए थे और आलमारी भी तोड़ी गई थी तथा सारा सामान गायब कर दिया गया था। जिससे आशंका जाहिर की गई थी कि अज्ञात चोरों ने घर का ताला तोड़कर चोरी की है। इस तहरीर पर अज्ञात में एफ आई आर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई। मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दो चोरों क्रमशः भंवर सिंह पुत्र नंदन सिंह निवासी धौरहवा, थाना बीजपुर , जिला सोनभद्र को 7 वर्ष की कैद व 15 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड ना देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं सुनील सेठ पुत्र देवातादिन सेठ निवासी कमासिन, थाना बाघराय, जनपद प्रतापगढ़ हाला पता तुर्रा, थाना पिपरी, जिला सोनभद्र को 3 वर्ष की कैद व 3 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड ना देने पर डेढ़ माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। एक आरोपी कन्हैया दोषमुक्त करार दिया गया।अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।