वाराणसी मण्डल के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक”

सुरभी चतुर्वेदी की रिपोर्ट

वाराणसी।”वाराणसी मण्डल के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक”।मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में वाराणसी मण्डल के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आहूत की गई।
बैठक में वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, ग़ाज़ीपुर जनपदों के ज़िलाधिकारी एस० राजलिंगम, अनुज झा, आर्यका अखौरी समेत मुख्य विकास अधिकारिगण तथा विभागों के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

बैठक में निम्नवत् निर्देश दिये गये-

  • सर्वप्रथम आई0जी0आर0एस0 निस्तारण के संदर्भ में यह निर्देशित किया गया की नई शासनादेश के अनुसार योजना बनाए तथा गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित करें।
  • ज़िलाधिकारियों को यह निर्देशित किया गया की जनपद की समस्त गतिमान परियोजनाओं का विवरण एवं उपयोगिता संकलित करें तथा लाभार्थियों का पुनः सर्वेक्षण के माध्यम से चयन तथा सूची संशोधन करें ताकि लाभ सुनिश्चित किया जा सके।
  • आधार कार्ड डेटाबेस की स्क्रीनिंग का कार्य किया जाने तथा मृतक, विस्थापित आदि केस के अनुसार अपडेशन का कार्य किया जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  • जनपद की मासिक एवं वार्षिक रैंकिंग हेतु मासिक आधार पर लक्ष्य निर्धारित करने तथा उसके सापेक्ष कार्यप्रगति हेतु विभागों की नियमित बैठकों एवं इशू ट्रैकर के माध्यम से लक्ष्य प्राप्ति किए जाने हेतु निर्देशित किया गया ।
  • जनपद के समस्त गतिमान कार्यों, राजस्व एवं अन्य बिंदुओं पर माह-अंत में समीक्षा बैठक आहूत किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  • शासन में प्रेषित किए जाने से पूर्व प्रपत्रों को विभागवार सत्यापित किए जाने तथा तदोपरांत ज़िला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी स्तर से सत्यापन किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  • नगर निगम स्तर से आंगनबाड़ी, सरकारी स्कूलों आदि के सौंदर्यीकरण, पुनर्विकास आदि के कार्य हेतु योजना बनाए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  • मुख्य विकास अधिकारियों को यह निर्देशित किया गया की अपर ज़िलाधिकारिगणों के साथ नवनिर्वाचित सभासदों/पार्षदों के साथ समन्वय स्थापित कर वार्डवर नए प्रयास किए जाए तथा उनके वार्ड में सफ़ाई आदि की व्यवस्था पर भी फीडबैक प्राप्त कर उक्तानुसार कार्य किया जाए।
  • समस्त अधिकारिगणों को यह निर्देशित किया गया कि शासन एवं उच्चाधिकारियों से संपर्क एवं समन्वय करने में बिलकुल भी संकोच ना करें जिससे कार्य का निष्पादन सरल एवं त्वरित हो सकेगा।
  • मुख्य विकास अधिकारियों को यह निर्देशित किया गया की वाराणसी विकास भवन के तर्ज़ पर हर विकास भवनों में एक डेडिकेटेड कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए जिससे कार्यप्रणाली और भी सुगम हो सके ।
  • ज़िलाधिकारियों को यह निर्देशित किया गया ग्रामीण अंचलों में साप्ताहिक कैम्प लगा कर योजनाओं का विवरण समझाएँ, जनसमस्याओं का त्वरित निस्तारण करें तथा ग्रामीण क्षेत्रों से स्वयं जुड़ें साथ ही फीडबैक के आधार पर कार्य करें ।
  • समस्त शिकायतों, तहसील दिवस-कोर्ट आदि के प्रार्थनापत्र, नेगेटिव न्यूज़ आदि का पूरा रिकॉर्ड रखे जाने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में सचिवगण, नगर निगम में ज़ोनल अधिकारिगण तथा शहरी क्षेत्रों में अधिशासी अभियंतगण को निर्देशित किया गया।
  • नदी से सटे गाँवों में साफ़ सफ़ाई, प्लास्टिक-मुक्ती, आर्गेनिक फार्मिंग आदि जैसी मुहिमों कीलिये गाँव वालों को प्रेरित किया जाए।
  • भीषण गर्मी के दृष्टिगत पेयजल संबंधित व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किए जाने हेतु निर्देशित किया गया साथ ही यह भी कहा गया कि ट्यूबवेल समेत पेयजल के समस्त स्रोतों कि जाँच करा ली जाए तथा हैंडपंपों के डीबोरिंग का कार्य कराया जाए।
  • समस्त तालाब, नहर आदि में वाटर रिचार्जिंग का कार्य कराया जाने साथ ही वरुणा-असि नदी मार्ग के समीपस्थित तालाबों में वाटर रिचार्जिंग का कार्य कराया जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  • वर्षा जल संचयन प्रणाली हर घर में सुनिश्चित किए जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया ।
  • ज़िलाधिकारियों को यह निर्देशित किया गया की राजस्व के कार्यों में वरासत दर्ज करा कर वृहद् रूप से खतौनी वितरण का कार्य किया जाए तथा पट्टा आवंटन के लक्ष आगामी दो माह में पूर्ण किए जाए।
  • ज़िलाधिकारियों को यह निर्देशित किया गया की न्यायालय में लंबित उन प्रकरणों का विवरण संकलित कराएँ जिसमें सरकारी कर्मचारी के बयान के कारण लम्बन है तथा उस आधार पर एक माह में लेखपाल तथा कानूनगो के बयान एवं गवाही कराकर प्रकरण का निस्तारण सुनिश्चित करें साथ ही धारा-24 अन्तर्गत समय प्रकरणों की पैमाईश कर निस्तारण किया जाना सुनिश्चित करें ।
  • समस्त सरकारी कार्यालयों में मूलभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण पूर्वनिर्धारित मापदंडों के अनुसार किया जाना सुनिश्चित किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  • न्यायालय में पूर्व में निस्तारित प्रकरणों के अनुपालन का विवरण संकलित किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  • ज़िलाधिकारियों तथा मुख्य विकास अधिकारियों को यह निर्देशित किया गया की जल जीवन मिशन अन्तर्गत वाटर कनेक्शन वितरण कार्यों की वृहद् मॉनिटरिंग की जाए।
  • उद्योगबंधुओं की मासिक बैठक आहूत किए जाने तथा पूर्व में हस्ताक्षरित मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (एम0ओ0यू0) के कार्यान्वन की समीक्षा किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  • ज़िलाधिकारियों को यह निर्देशित किया गया की नगर निगम, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के स्वामित्व की भूमि का विवरण संकलित कर स्टॉक रजिस्टर बनाया जाए तथा अनाधिकृत क़ब्ज़े को ख़ाली कराते हुए ढलाओघर आदि के निर्माण कार्य कराया जाए।
  • भीषण गर्मी के दृष्टिगत शहर के गौ-आश्रय केंद्रों में पेयजल, भूंसा आदि की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  • नदियों के किनारे के क्षेत्रों को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने हेतु अभियान चलाने कीलिये निर्देशित किया गया।
  • मंडलायुक्त द्वारा यह निर्देशित किया गाया की प्रधानों, सभासदों, पार्षदों, ज़िला पंचायत सदस्यों हेतु सम्मेलन का आयोजन किया जाए तथा उनके समन्वय एवं प्रतिभागिता में कार्यायोजना बनाई जाए।
  • समस्त अधिकारिगणों को यह निर्देशित किया गया कि जनपदों में जनसरोकर एवं जनसुविधा संबंधित कुछ अनुपम कार्य व प्रयोग किए जाए जिससे अन्य मंडलों एवं जनपदों में भी वो एक उदाहरण के रूप में प्रयास में लाया जा सके।
  • ज़िलाधिकारियों को यह निर्देशित किया गया की प्रत्येक सप्ताह हर ब्लॉक के 2 गाँवों में चौपाल आयोजित करके मौक़े पर ही समस्याओं का निस्तारण और लाभार्थी चयन किया जाये तथा नगरीय क्षेत्रों में लाभार्थी चयन नगर निकाय और तहसील स्टाफ के द्वारा कराया जाये।
  • प्रत्येक ग्राम पंचायत की शिकायतों का अलग अलग रजिस्टर बनाया जाये और सभी स्रोतों से प्राप्त शिकायतें उसने दर्ज करके उनका समाधान कराया जाये । सचिव विकास कार्यों और लेखपाल भूमि विवादों के रजिस्टर अलग अलग बनाएँ। इसी प्रकार नगर निकायों में निकाय वार और नगर निगम में जोन वार रजिस्टर में सभी शिकायतें दर्ज कर उनका समाधान कराया जाये।
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