
ईंधन के रूप में 5 प्रतिशत कृषि अपशिष्ट से बने ब्रिकेट का प्रयोग करने वाला पहला पावर प्लांट बना
- इस पहल से स्थानीय कृषि कचरे का निदान होगा
-स्थानीय लोगो को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे
-कोयले पर 5 प्रतिशत निर्भरता कम होगी
-पर्यावरण में कार्बन की कमी होगी
-किसानों की आय बढ़ेगी
-अन्य पावर प्लांट भी अनुकरण करेंगे
सोनभद्र।हिंडालको महान के डीकार्बोनाइजेशन प्रोग्राम के अनुरूप, महान एल्युमिनियम के पावर प्लांट ने 10 मई 2023 को 3 इकाइयों में कोयले के साथ-साथ 5% कृषि अपशिष्ट ब्रिकेट का सफल प्रशिक्षण किया,सफल परीक्षण सेलिब्रेशन कार्यक्रम में रेणुकूट क्लस्टर सी.ओ.ओ. नागेश नारिसेट्टी ,विशिष्ट अतिथि खनन खनिज प्रमुख वर्टिकल आर.के.गुप्ता,क्लस्टर एच.आर.प्रमुख जसबीर सिंह ,महान पावर प्लांट प्रमुख चंद्र शेखर सिंह ऑपरेशन हेड आर.पी.सिंह,सी.पी.पी.मकैनिकल आदर्श व महान एल्युमिनियम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी के शामिल हुये।कार्यक्रम का संचालन करते हुये अरविंद कुमार ने प्रिजेंटेशन के माध्यम से बताया कि हमने 5 जुलाई 2022 को यूनिट 2 में परीक्षण के आधार पर पहली बार 3% ब्रिकेट का उपयोग शुरू किया, जो नवंबर 2023 के महीने में 6.5% तक बढ़ गया और बायोमास ब्रिकेट की कम उपलब्धता के कारण जनवरी 2023 तक 5% के साथ जारी रहा। बॉयलर और सहायक उपकरणों के संचालन में कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पाया गया। सभी परिचालन मापदंडों को तय सीमा के भीतर अच्छी तरह से बनाए रखा। फरवरी 2023 में, हिंडालको महान पावर प्लांट द्वारा चूर्णित ईंधन बॉयलरों में अपनाई गई कार्यप्रणाली को मान्य करने के लिए राष्ट्रीय बायोमास मिशन के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की एक टीम ने हमारे अद्वितीय दृष्टिकोण को देखा और कार्बन फुटप्रिंट में कमी की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की।कार्यक्रम में नागेश नारिसेटी ने पूरी टीम को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी और कहा कि इस पहल के माध्यम से आस पास के गांवो के अपशिष्ठ कृषि कचरे का सही उपयोग होगा व स्थानीय लोगों के लिये रोजगार के अवसर पैदा होंगे,इस कृषि कचरे से ब्रिकेट बनाने वाले उद्यमियो को सी.एस.आर.के माध्यम से मदद दी जायेगी।कार्यक्रम का सफल संचालन में हिंडालको महान के सी.एच.पी.हेड गिरीश चौधरी,पंकज सक्सेना,श्रीराम कादम्बरी,अन्नामलाई का विशेष योगदान रहा।

SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal