हत्या के दो दोषियों को उम्रकैद

  • 10- 10 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • साढ़े 13 वर्ष पूर्व ट्रक चालक पप्पू यादव की हत्या करने का मामला

सोनभद्र। साढ़े 13 वर्ष पूर्व ट्रक चालक पप्पू यादव की हत्या करने के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दो दोषियों ताहिर व फिरोज को उम्रकैद व 10- 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के हरथर गांव निवासी मोबीन अहमद पुत्र मुस्ताक अहमद ने थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि वह ट्रक मालिक है। ट्रक चालक पप्पू यादव पुत्र सत्यप्रकाश यादव निवासी मुसाखाड, थाना चकिया, जिला चंदौली व खलासी ताहिर अली पुत्र सहरे आलम निवासी सोनवार, थाना चकराघट्टा, जिला चंदौली 5 अगस्त 2009 को दुद्धी से बालू लादकर वाराणसी आ रहा था कि रात करीब 12:30 बजे मालोघाट पनारी में ट्रक खड़ी करके चालक सो गया और खलासी गाड़ी के बाहर जगने के लिए गया था। करीब एक घंटे बाद ट्रक पर वापस आया तो देखा कि चार लोग बैठे हुए थे। एक आदमी ने खलासी से पूछा कि तुम कौन हो तो उसने खलासी बताया। इसपर उसे करीब 500 मीटर दूर जंगल के रास्ते ले जाकर रोडवेज बस पर बैठा दिया। राबर्ट्सगंज पहुंचकर खलासी ने फोन करके जानकारी दी। जब सुबह चार बजे भोर में चालक का पता किया तो ट्रक डाला वैष्णो मंदिर के पास खड़ी थी और चालक नीचे कहर रहा था। उसे धारदार हथियार से जान मारने की नियत से गंभीर चोट गले में पहुंचाई गई थी। इस तहरीर पर अज्ञात में एफ आई आर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई।मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में ताहिर पुत्र सहरे आलम निवासी सोनवार, थाना चकरघट्टा, जिला चंदौली व फिरोज पुत्र अयूब खां निवासी रघुनाथपुर, थाना पन्नूगंज, जिला सोनभद्र के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोनों दोषियों ताहिर व फिरोज को उम्रकैद व 10- 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।

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