ब्रेथ ईजी ने जारी किया ऑन लाइन पेशेंट अस्थमा एजुकेशन प्रोग्राम
स्टेरॉयड का प्रयोग हो सकता हैं जानलेवा – डॉ.एस.के पाठक
वाराणसी।ब्रेथ ईजी टी.बी, चेस्ट, एलर्जी केयर सेंटर अस्सी वाराणसी द्वारा विश्व अस्थमा दिवस (2 मई 2023) के उपलक्ष में 1 मई 2023 से 07 मई 2023 तक अस्थमा बचाव सप्ताह मनाया जा रहा हैं I इस कार्यक्रम में ब्रेथ ईजी चेस्ट सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, अस्सी, वाराणसी में अस्थमा सम्बंधित बचाव/ सुझाव/ व नि:शुल्क परामर्श एवं जन जागरूकता अभियान प्रात: 9 से 12 बजे तक चलाया जायेगा I
इस कार्यक्रम की शुरुआत 1 मई 2022 (दिन सोमवार) को एक प्रेस वार्ता से किया गया जिसमे ब्रेथ ईजी के वरिष्ठ टी.बी, एलर्जी, श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ एस. के पाठक ने …बताया कि – “ग्लोबल इनिसिएटिव फॉर अस्थमा, हर साल वर्ल्ड अस्थमा डे की थीम तय करता है, ये एक ऐसी संस्था है जो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और एक अन्य संस्था के कॉलेबोरेशन से तैयार हुई है I इस बार ग्लोबल इनिसिएटिव फॉर अस्थमा ने इस खास दिन की थीम को नाम दिया है अस्थमा केयर फॉर आल (Asthma Care For All) I इस थीम की मुख्य वजह है कि हर जगह, हर तबके के लोग अस्थमा केयर की बारीकियों को समझ सकें, साथ ही अस्थमा से जुड़े उपचार और केयर सभी वर्ग और आर्थिक स्तर के लोगों को बराबरी से मिल सके I” डा एस के पाठक ने इस मौके पर एक ऑडियो वीडियो पेशेंट एजुकेशन चलचित्र को प्रस्तुत किया, ब्रेथ ईजी के ऑन लाइन प्लेटफार्म (ब्रेथ ईजी यूट्यूब चैनल) पर रिलीज किया जिसको कोई भी मरीज अथवा अभिभावक कही से कभी भी देख सकेगा एवं सुन सकेगा जिसमे कई सारी अस्थमा के बारे जानकारी दे गई है , भ्रांतियों को दूर किया गया है आगे डॉ. पाठक ने आगे बताया – “विश्व अस्थमा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य, विश्वभर के लोगों को अस्थमा बीमारी के बारे में जागरूक कराना है । अस्थमा के लक्षण व्यक्ति विशेष के अनुसार बदल सकते हैं। वैसे सामान्य रूप से अस्थमा के निम्न लक्षण दिखाई देते हैं: छाती में जकडऩ, रात में और सुबह कफ की शिकायत होना, श्वास नली में हवा का प्रवाह निर्बाध रूप से न होना, सांस लेने में कठिनाई या सांस उखडऩा, सांस लेते हुए घरघर की आवाज करना, खांसी, प्रारंभ में ये लक्षण मौसम में बदलाव या अत्यूधिक गर्मी या अत्यधिक सर्दी में दिखाई देते हैं लेकिन अगर इनका ठीक प्रकार से उपचार न कराया जाये तो यह अधिक गंभीर हो जाते हैं और पूरे वर्ष दिखाई देते हैं।“
डॉ पाठक ने आगे बताया कि “अस्थमा में मुख्यत: श्वांस नलियों में सूजन हो जाता हैं, जिसके कारण बाद में उन नालियों में सिकुडन भी हो जाता हैं, जो साधारण दवाइयों से नही ठीक हो पता हैं I इसके लिए एक विशेष प्रकार की थेरेपी का इस्तमाल किया जाता हैं, जिसे इन्हेलेशन थेरेपी कहतें हैं I अस्थमा की बीमारी फेफड़ो से सम्बंधित हैं, इसलिए इसमें इन्हेलेशन थेरेपी का ही उपयोग होना चाहिए जोकि सीधे फेफड़ो में जाकर अपना काम करती हैं, जिससे अस्थमा के मरीज को 2-3 मिनट में ही आराम मिल जाता हैं I”
अस्थमा के मरीजों में ओरल स्टीरॉयड का सेवन खतरनाक साबित हो सकता है , स्टीरॉयड का सेवन केवल खंभीर दौरे के समय शॉर्ट कोर्स ही चिकित्सक के निगरानी में ही दिया जाता है,लंबा सेवन करने से हंडिया एवम मांसपेसिया कमजोर हो जाती है,शुगर एवं ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है ।
डॉ पाठक आगे बताते हैं कि – “WHO के अनुसार अस्थमा के कारण दुनिया में हर साल लगभग 2.5 लाख से ज्यादा लोगो की मृत्यु होती हैं, तथा प्रतेक वर्ष लगभग 2 लाख अस्थमा मरीजों को आपातकालीन चिकित्सा के ऊपर निर्भर होना पड़ता हैं, तथा लगभग 5 लाख मरीज प्रतिवर्ष अस्थमा की वजह से अस्पताल में भर्ती होते हैं I बच्चो में इसका अनुपात कुछ ऐसा हैं कि प्रतेक १० बच्चो में १ बच्चे को अस्थमा की बीमारी से परेशान होना पड़ता हैं तथा बच्चों का अस्पतालों में भर्ती होने का तीसरा प्रमुख कारण अस्थमा ही हैं I अस्थमा की बीमारी की वजह से भारत में सलाना कुल 5 अरब रूपए का खर्च गिरता हैंI डॉ. पाठक के अनुसार इसका मुख्य कारण प्रदुषण, एलर्जी, धुम्रपान, अनुवांशिक, फ़ास्ट फ़ूड का सेवन, नवजात शिशुओ को स्तनपान न कराना इत्यादी हैं I
डॉ पाठक ने बताया कि “श्वांस मरीजो को अपने आहार में अधिक से अधिक एंटी ओक्सिडेंट को शामिल करना चाहिए , आहार में जितनी ज्यादा विटामिन सी की मात्रा होगी, आपके लिए उतना ही ज्यादा लाभकारी होगा I खट्टे फल, जूस और अंकुरित खाद्य पदार्थ को अपने भोजन में जरूर शामिल करें, क्योकिं इनमे विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं I गर्मियों में मिलने वाले कुछ निश्चित फ ल और सब्जियां भी अस्थमा अटैक कर सकती हैं जैसे नाशपति, तरबूज, खरबूज, सेब या दूसरे ताजे फल और सब्जियों से ये समस्याएं हो सकती हैं। एक सामान्य, समाधान यह है कि हमें ऐसे भोजन से बचना चाहिए और अगर सांस लेने में समस्या हो तो, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा इन बातों का भी ध्या न रखें अगर गर्मियों में किन्हीं चीजों से एलर्जी बढ़ जाती है तो उसके लिये डॉक्टर से दवाई लें। ऐसे स्थानों पर जाने से बचें जहां वायु प्रदूषण हो। अगर कोई लक्षण दिखाई न दें तब भी डॉक्टर द्वारा सुझाई दवाईयां समय पर लें। डॉक्टर से परामर्श लिये बिना उपचार में बदलाव न करें। धूप में बाहर निकलने से पहले अपनी दवाई और इनहेलर साथ लेकर जाएं। क्लोमरीन की गंध से एलर्जी है तो स्विलमिंग पूल न जाएं। रात में खिड़कियां खोलकर ना सोएं एलर्जी और अस्थ मा के लक्षणों से बचने के लिये एअर कंडीशन का प्रयोग करें। अस्थमा मैनेजमेंट के लिये, रोगियों को संभावित अस्थमा ट्रिगर्स से बचना चाहिए और सुझाए गये उपचार (मुख्यत इन्हालेर्स) को जारी रखना चाहिए।“
डॉ पाठक ने आगे बताया कि – “ब्रेथ ईजी अस्पताल (अस्सी, वाराणसी) की तरफ से पूरा सप्ताह अस्थमा बचाव सप्ताह मनाया जाएगा जिसमे 1 मई को प्रेस वार्ता के बाद 2 मई को प्रात: 7 बजे से एक अस्थमा जागुरूकता रैली का आयोजन किया जायेगा जिसमे शहर के प्रमुख चौराहों से होते हुए नागरिको को अस्थमा व श्वांस रोग के प्रति जागरूक किया जायेगा I इसके उपरांत ब्रेथ ईजी अस्पताल में प्रात: 9 से 12 बजे तक नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमे नि:शुल्क फेफड़ो की जाँच, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा, ब्लड प्रेसर, ब्लड शुगर इत्यादि का जाँच तथा नि:शुल्क दवा वितरण किया जायेगा I” 5 मई को एक चिकित्सीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा हैं, जिसमे शहर के जनरल फिजिशियन को अस्थमा के इलाज में हुई नई पद्दितियों के बारे में ब्रेथ ईज़ी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एस.के पाठक जानकारी देंगे I इसी कड़ी में डॉ. एस.के पाठक द्वारा एक “नि:शुल्क अस्थमा परिक्षण मोबाइल वैन” को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा जोकि 2 मई से 7 मई तक वाराणसी के प्रमुख चौराहों पर जाकर लोगों का नि:शुल्क फेफड़ों की क्षमता मापेगा I इसके साथ-साथ सप्ताह के अंत में नर्सिंग स्टाफों के लिए भी एक ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जायेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों के अनुपस्थिति में सीवियर अस्थमा के मरीजों को नेबुलाईजेशन थेरेपी द्वारा सटीक उपचार कैसे देना होगो I