विश्व मलेरिया दिवस पर हिंडालको महान ने ग्राम चौपाल लगा आयोजित की मलेरिया जागरुकता व बचाव कार्यशाला

सावधानी,इलाज से बेहतर हैं-डॉक्टर शरण

गाँवो के चहमुखी विकास के लिये हिंडालको महान कृतसंकल्पित -संजय सिंह
दुनिया भर में विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत वर्ष 2007 से की गई थी। हिंडालको महान द्वारा निगमित सामाजिक दायित्व के तहत आस पास के 15 वार्डो व 11 ग्राम पंचायतों में चलित स्वास्थ्य केंद्र का संचालन कर लोगो को स्वास्थ्य लाभ देने का काम किया जा रहा है,साथ ही जागरूकता शिविरों के माध्यम से लोगो को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां प्रदान की जाती है। विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर हिंडालको महान द्वारा ग्राम मझिगँवा ग्राम पंचायत भवन में मलेरिया बचाव व जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें चिरायु जनकल्याण समिति की माध्यम से नुक्कड़ नाटक व जागरूकता गीत गाकर लोगो को मलेरिया से बचाव की जानकारी दी। कार्यक्रम में हिंडालको महान हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अशेष शरण ने बताया कि सुरक्षा,इलाज से बेहतर होती है, मलेरिया के मच्छर अधिकतर शाम या रात को काटते है इसलिए इस समय संभव हो तो घर में ही रहे। मलेरिया से बचने के लिए उन कपड़ों का उपयोग करे जो शरीर के अधिकांश हिस्से को ढक सके। घर के आस पास बारिश के पानी या गंदे पानी को जमा ना होने दे। क्यूंकि इसमें मलेरिया के जीवाणु पैदा होने का खतरा रहता है।कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुये सी.एस.आर.प्रमुख संजय सिंह ने कहा कि मच्छर का काटना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है, खासकर अगर हम डेंगू और मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों पर ध्यान दें. मलेरिया दुनिया भर में सबसे घातक और व्यापक बीमारियों में से एक है. यह मुख्य रूप से संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है.जब कोई मच्छर आपको काटता है तो परजीवी आपके शरीर में इंजेक्शन लगाता है और फिर यह आपके रक्त प्रवाह में तेजी से फैलता है,और यहां तक कि आपके लीवर तक भी जाता है, लेकिन इस घातक बीमारी के प्राकृतिक उपचार, रोकथाम और सावधानियों को जानना जरूरी है.हिंडालको महान द्वारा जो मच्छरदानी दी जा रही है उसका प्रयोग जरूर करे,और हिंडालको गांवों के चहमुखी विकास के लिए कृतसंकल्पित है और मझिगँवा को आदर्श गांव बनाने के लिये कार्य करती रहेगी,कार्यक्रम का संचालन करते हुये सी.एस.आर.विभाग से बीरेंद्र पाण्डेय ने बताया कि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है,जो संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से होती है।बरसात या वातावरण में नमी के कारण मलेरिया के मच्छर पनपने लगते हैं और बीमारी का प्रसार होता है। मलेरिया की गंभीर स्थिति बच्चों के लिए जानलेवा हो सकती है। मलेरिया के कुछ सामान्य लक्षण हैं, जैसे- बुखार, सिर दर्द, उल्टी आना,ठंड लगना, थकान होना,चक्कर आना और पेट में दर्द होना। आमतौर पर मलेरिया के इलाज में करीब दो सप्ताह तक दवाइयाँ लेनी होती हैं। वहीं बीमारी को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। हर साल भारत में मलेरिया के हजारों मामले सामने आते हैं और कई रोगियों की तो मलेरिया से जान चली जाती है । मलेरिया की गंभीरता और इसे बचने के लिए जागरूक करने के विश्व स्तर पर मलेरिया दिवस मनाया जाता है।कार्यक्रम के अंत मे आये हुये ग्रामीणों को मच्छरदानी प्रदान की गई। कार्यक्रम के सफल संचालन में सी.एस.आर.विभाग से धीरेंद्र तिवारी,डॉक्टर राजेश त्रिपाठी,प्रभाकर बैश्य, संजीव वैश्य,शिक्षक जितेंद्र बैश्य व चिरायु जन कल्याण समिति से शशि पाण्डेय का विशेष योगदान रहा।

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