कानपुर बार एसोसिएशन के आंदोलन में प्रदेश के अधिवक्ताओ की एकजुटता के कारण हुआ स्थान्तरण
सोंनभद्र। सँयुक्त अधिवक्ता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शरण मिश्र ने कानपुर में बार व बेंच के मध्य विगत 25 दिनों के अनवरत विवाद व हड़ताल के परिणाम स्वरूप जिला जज संदीप जैन के दिनाँक 15 अप्रैल को स्थान्तरण का आदेश जारी होने पर बयान जारी करते हुए कहा है कि यह कानपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी व अन्य पदाधिकारियों के आपसी सामंजस्य, मजबूत इच्छाशक्ति व प्रदेश के अधिवक्ताओ की एकता के कारण ही सम्भव हो सका है। श्री मिश्र ने इसे न्याय की व संविधान की जीत बताया है।आपको बताते चले कि विगत 25 मार्च से कानपुर बार एसोसिएशन एवम यंग लायर्स एसोसिएशन के द्वारा कानपुर के जिला जज के विरुद्ध उनके न्यायालय का कार्य बहिष्कार किया जा रहा था। अधिवक्ताओ का आरोप था कि जिला जज संदीप जैन द्वारा अधिवक्ताओ के साथ लगातार दुर्बयव्हार किया जा रहा है। मुकदमे में बहस एवम सुनवाई के दौरान भी अधिवक्ताओ के प्रति उनकी भाषा और उनका आचरण आपत्ति एवम अपमान जनक होता है। जिसको लेकर अधिवक्ताओ ने पहले बातचीत के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कराई और इसके बाद भी बात न बनने पर हड़ताल और कार्य बहिष्कार का रास्ता अपनाना पड़ा। जब कानपुर ने अपने यहाँ के मामले को प्रदेश के अधिवक्ता संघों को बताया और आंदोलन में साथ देने का आह्वान किया तो प्रदेश भर के अधिवक्ता 12 एवम 13 अप्रैल को कानपुर में महापंचायत में पहुँच कर अपना ना केवल समर्थन दिया बल्कि जिला जज के स्थान्तरण तक आर पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया। और इसी बीच उच्च न्यायालय प्रयाराज ने कानपुर बार के छः अधिवक्ताओ पर कोर्ट ऑफ कटेम्ट कर दिया जिसको लेकर प्रदेश भर के अधिवक्ताओ में आक्रोश और गुस्सा ब्याप्त हो गया। और फिर आंदोलन को और बड़े स्तर पर आगे बढ़ाने की रूप रेखा बनने लगी। जिसका आभास होते ही अन्ततः न्यायपालिका को अधिवक्ताओ की माँग के आगे झुकना पड़ा और कानपुर के जिला जज का स्थान्तरण लखनऊ करने का आदेश जारी करना पड़ा। पूरे प्रकरण में प्रदेश के सभी अधिवक्ता संघों के साथ साथ सँयुक्त अधिवक्ता महासंघ के भी प्रदेश व जिले के पदाधिकारियों ने कानपुर पहुँच कर आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन दिया। परिणाम स्वरूप अधिवक्ताओ को आंदोलन में विजय प्राप्त हुई। सँयुक्त अधिवक्ता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शरण मिश्र ने ख़ुशी ब्यक्त करते हुए इसे प्रदेश के अधिवक्ताओ की एकजुटता का परिणाम बताया है।