घोरावल सोनभद्र (रमेश कुमार कुशवाहा)। स्थानीय विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत खजुरौल में शासन की मंशा के अनुरूप आवास दिए जाने में बड़े पैमाने पर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है | बताते चलें कि उक्त ग्राम पंचायत में निर्मल आवास योजना अंतर्गत खंड विकास कार्यालय से जुड़े ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एवं ग्राम प्रधान की मनमानी व धांधली से अपात्र व्यक्तियों को आवास का लाभ पहुंचाया गया है| बताया जाता है कि पिछड़ी व
अनुसूचित जाति वर्ग के लिए शासन द्वारा आवास आवंटन हेतु खंड विकास कार्यालय के माध्यम से प्रक्रिया कराई जा रही है, जिसमें कई तरह की अनियमियताएं एवं मनमानी उजागर हुई है। मिली जानकारी के अनुसार आदिवासी कोल के लिए आये आवास को खानापूर्ति करके रिश्वत के दम पर दूसरी जाति के लोगों को दे दिया गया है, और जिनको पूर्व में शासन द्वारा आवास मिल चुका है उनको भी उक्त अधिकारी एवं ग्राम प्रधान की मिलीभगत से दोबारा आवास दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में ग्राम प्रधान पति से बात की गई तो उनका बयान चौका देने वाला रहा ।उनके अनुसार इस मामले पर पूरी तरह ग्राम पंचायत अधिकारी पर मनमानी एवं बड़े पैमाने पर अनियमियता बरतने का आरोप लगाया गया है | प्रधान पति द्वारा बताया गया कि इस संबंध में हमने कई बार ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को सूचित किया ,परंतु कोई भी कार्यवाही नहीं हुई जिसके उपरांत ०४ फरवरी २०२३ को संपूर्ण समाधान दिवस में हमारी पत्नी ग्राम प्रधान कलावती द्वारा ग्राम पंचायत अधिकारी नरेश सिंह की मनमानी के खिलाफ शिकायत की गई, परंतु मजे की बात तो यह है कि जिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है उच्चाधिकारियों ने उसी अधिकारी को शिकायत के निवारण की जिम्मेदारी सौंप दी। और उन्होंने अपने पक्ष में रिपोर्ट लगाकर उच्चाधिकारियों को सौंप दिया है। ऐसी परिस्थिति में लोगों ने शासन का ध्यानकृष्ट कराते हुए जनहित में निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषी लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कराने की मांग किया है।