रामजियावन गुप्ता/बीजपुर(सोनभद्र) बीजपुर स्थित दुधहिया देवी मंदिर प्रांगण में
चल रही संगीतमयी श्री राम कथा के दूसरे दिन हिमाचल प्रदेश से पधारे संत शिरोमणि अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक राममोहन दास रामायणी जी ने शिव चरित्र का सुन्दर वर्णन किया। व्यास ने मां पार्वती के जन्म, कामदेव के भस्म होने और भगवान शिव द्वारा विवाह के लिए सहमत होने की कथा सुनाई।बेड़िया हनुमान मंदिर के महंत मदन गोपाल दास के सानिध्य में आयोजित श्री राम कथा में रामायणी जी महाराज ने श्रोताओं को सुनाते हुए कहा कि राजा दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर का अपमान करने के लिए महायज्ञ का आयोजन किया था। जिसमें उसने भगवान शिव को छोड़कर समस्त देवताओं को आमंत्रण भेजा था।
भगवान शंकर के मना करने के बाद भी सती अपने पिता के यहां जाने की इच्छा जताई तो भगवान शंकर ने बिना बुलाए जाने पर कष्ट का भागी बनने की बात कही।इसके बाद भी सती नहीं मानी और पिता के घर चली गईं। पिता द्वारा भगवान शंकर के अपमान पर सती ने हवन कुंड में कूदकर खुद को अग्नि में समर्पित कर दिया। इसके बाद भगवान शंकर के दूतों ने यज्ञ स्थल को तहस-नहस कर दिया। माता सती के अग्नि में प्रवाहित होने के बाद तीनों लोकों को भगवान शिव के कोप भाजन का शिकार होना पड़ा।कथा प्रवक्ता ने भगवान श्रीराम के चरित्र का भी सुंदर वर्णन किया।श्रीराम कथा श्रवण के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।