जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से जानिये कौन सा ग्रह किस परिजन के कारण होगा रूष्ट (नाराज) ..??

जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से जानिये कौन सा ग्रह किस परिजन के कारण होगा रूष्ट (नाराज) ..??

जानिये कौन सा ग्रह किस परिजन के कारण होगा रूष्ट (नाराज) ..??

हम सभी कर्म करते है उसके अनुसार ही आगे हमें सुख -दुःख भोगने को मिलते है । कई सुख दुःख हमें अपने परिवार और सगे सम्बन्धियों के द्वारा भी होता है ।

आइये जानते है की परिवार में किसे कष्ट देने से कौन सा ग्रह होगा रूष्ट (कुपित/ नाराज)—

सभी जातक की जन्मकुंडली में अशुभ ग्रहों की स्थिति अलग-अलग रहती है, परंतु कुछ कर्मों के आधार पर भी ग्रह आपको अशुभ फल देते हैं।

व्यक्ति के कर्म-कुकर्म के द्वारा किस प्रकार नवग्रह के अशुभ फल प्राप्त होते हैं,आइए जानते हैं-

सूर्य किसी का दिल दुखाने या कष्ट देने से, किसी भी प्रकार का टैक्स चोरी करने से एवं किसी भी जीव की आत्मा को ठेस पहुँचाने पर सूर्य अशुभ फल देता है।

चंद्र सम्मानजनक स्त्रियों को कष्ट देने जैसे- माता,नानी,दादी,सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट देने एवं किसी से द्वेषपूर्वक ली वस्तु के कारण चंद्रमा अशुभ फल देता है।

मंगल भाई से झगड़ा करने, भाई के साथ धोखा करने से मंगल के अशुभ फल शुरू हो जाते हैं। इसी के साथ अपनी पत्नी के भाई (साले) का अपमान करने पर भी मंगल अशुभ फल देता है।

बुध अपनी बहन अथवा बेटी एवं बुआ को कष्ट देने से, साली एवं मौसी को कष्ट देने से बुध अशुभ फल देता है। इसी के साथ हिजड़े को कष्ट देने पर भी बुध अशुभ फल देता है।

गुरु अपने पिता, दादा, नाना को कष्ट देने अथवा इनके समान सम्मानित व्यक्ति को कष्ट देने एवं साधु संतों को कष्ट देने से गुरु अशुभ फल देता है।

शुक्र अपने जीवनसाथी को कष्ट देने से, किसी भी प्रकार के गंदे वस्त्र पहनने, घर में गंदे एवं फटे पुराने वस्त्र रखने से व अनैतिक कामापराध करने पर शुक्र अशुभ फल देता है।

शनि ताऊ एवं चाचा से झगड़ा करने एवं किसी भी मेहनत करने वाले व्यक्ति को कष्ट देने से,अन्याय का साथ देने से, अपशब्द कहने एवं इसी के साथ शराब, माँस खाने पीने से शनि देव अशुभ फल देते हैं। कुछ लोग मकान एवं दुकान किराये से लेने के बाद खाली नहीं करते अथवा उसके बदले पैसा माँगते हैं तो शनि अशुभ फल देने लगता है।

राहु राहु सर्प का ही रूप है अत: सपेरे का दिल ‍दुखाने से, बड़े भाई को कष्ट देने से अथवा बड़े भाई का अपमान करने से, ननिहाल पक्ष वालों का अपमान करने से एवं नीच संगति या दुष्ट संगति करने से राहु अशुभ फल देता है।

केतु भतीजे एवं भांजे का दिल दुखाने एवं उनका हक ‍छीनने पर केतु अशुभ फल देता है। कुत्ते को मारने एवं किसी के द्वारा मरवाने पर, किसी भी मंदिर को तोड़ने अथवा ध्वजा नष्ट करने पर इसी के साथ ज्यादा कंजूसी करने पर केतु अशुभ फल देता है। किसी से धोखा करने व झूठी गवाही देने पर भी राहु-केतु अशुभ फल देते हैं।

मनुष्य को अपना जीवन व्यवस्‍िथत जीना चाहिए, अपने माता -पिता , सगे -सम्बन्धियों के साथ अपने से बड़ो की इज्जत करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। किसी को भी कष्ट या छल-कपट द्वारा अपनी रोजी नहीं चलानी चाहिए। किसी भी प्राणी को अपने अधीन नहीं समझना चाहिए जिससे ग्रहों के अशुभ कष्ट सहना पड़े।

कुछ आदतें

१.सूर्य जुठे हाथ सिर पर लगाने से सूर्य खराब
२.चंद्र पानी व्यर्थ फैलाने से चंद्र खराब
३.मंगल क्रोध करने से मंगल खराब
४.बुध झूठ बोलने से बुध खराब
५.गुरु बड़ो का सम्मान न करने से गुरु खराब
६.शुक्र पत्नी या स्त्री का सम्मान न करने से शुक्र खराब
७.शनि आलस्य करने से शनि खराब
८.राहु चुगली करने से राहु खराब
९.केतु किसी भिखारी या भिछु का मजाक उड़ाने से केतु खराब होता गए…

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