सोनभद्र :- ज्वालामुखी माँ शक्तिनगर परिक्षेत्र स्थित मोहन ब्रहम बाबा पहाड़ी चन्दुआर घरसड़ी में बीते मंगलवार की दोपहर 10 दिवसीय महायज्ञ का कलश यात्रा के साथ श्री श्री 1008 श्री विष्णु महायज्ञ का शुभारंभ किया गया। सैकड़ों स्थानीय महिलाओं ने सर पर कलश लेकर गाजे बाजे के साथ भजन किर्तन करते हुये गांव का भ्रमण कर रिहंद जलाशय पहुंच वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जल भरकर यज्ञ वेदी पर स्थापित किया। महिलाओं ने भजन- गीत गाए। यज्ञाचार्य श्री ब्रजराज देव पांडेय की देखरेख में यजमान भगवानदास दुबे ने विधि विधान से भूमि पूजन पाठ कर मंडप प्रवेश की। महायज्ञ 7 फरवरी से लेकर 16 फरवरी तक चलेगा। प्रतिदिन यज्ञाचार्य द्वारा प्रवचन का कार्यक्रम चल रहा हैं। प्रवचन के दौरान उन्होंने बताया कि माता सती के पिता दक्ष ने एक विशाल यज्ञ किया था और उसमें अपने सभी संबंधियों को बुलाया। लेकिन बेटी सती के पति भगवान शंकर को नहीं बुलाया। जब सती को यह पता चला तो उन्हें बड़ा दुख हुआ और उन्होंने भगवान शिव से उस यज्ञ में जाने की अनुमति मांगी। लेकिन भगवान शिव ने उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि बिना बुलाए कहीं जाने से इंसान के सम्मान में कमी आती है। लेकिन माता सती नहीं मानी और राजा दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में पहुंच गई। वहां पहुंचने पर सती ने अपने पिता सहित सभी को बुरा भला कहा और स्वयं को यज्ञ अग्नि में स्वाहा कर दिया। जब भगवान शिव को ये पता चला तो उन्होंने अपना तीसरा नेत्र खोलकर राजा दक्ष की समस्त नगरी तहस-नहस कर दी और सती का शव लेकर घूमते रहे। भगवन विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े-टुकड़े किए। जहां शरीर का टुकड़ा गिरा वहां-वहां शक्तिपीठ बनी। इसी क्रम में शाम कों रासलीला का भी आयोजन हैं और प्रतिदिन भण्डार चल रहा हैं सम्पूर्ण यज्ञ की पूर्णाहूति 15 फरवरी के शाम को कर 16 फ़रवरी को व्यापक भण्डारा एवंम कलश विसर्जन के साथ महायज्ञ का समापन किया जाएगा। महायज्ञ के कार्यक्रम का अध्यक्ष गोविन्द मिश्रा ,सचिव राजू तिवारी (विजेंद्र दुबे ), कोषाध्यक्ष विनोद दुबे, सह कोषाध्यक्ष / भण्डारपाल कृष्ण कुमार दुबे , प्रबन्धक बाबामणी दुबे , संरक्षक दिनेश चन्द दुबे, बृजबिहारी दुबे , अमरेश चन्द दुबे , विजय नारायण शर्मा और गुलाब भारती, पीताम्बर भारती , रामचन्द्र भारती ,अशोक भारती , मानिक विश्वकर्मा , अनील दुबे ,दीपक दुबे , शुभम दुबे , रवींद्र दुबे , अनील बोल्डर , चन्द्र प्रकाश ,उत्कर्ष दुबे ,सौरभ दुबे , सर्वेश दुबे , अरविंद गोविंदा , सक्रिय रूप से कार्यक्रम सम्पन कराने में जुड़े हैं।