ग्राम प्रधान संगठन ने जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

सर्वेश कुमार/संजय सिंह

सोनभद्र। ग्राम प्रधान संगठन ने ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गोपीनाथ गिरी के नेतृत्व में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री भारत सरकार केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय नई दिल्ली मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ के नाम जिला अधिकारी के नहीं उपलब्ध रहने पर अपर जिलाधिकारी को राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने एक ज्ञापन

जिलाधिकारी कार्यालय पर दिया। प्रधान संगठन ने बताया कि यह वर्ष देश की आजादी के अमृत महोत्सब के रूप में मनाया जा रहा है कितु ग्राम स्वराज की परिकल्पना अभी भी अधूरी है पंचायतें अभी भी स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पा रही हैं जबकि संविधान में उनको स्वतंत्र इकाई का दर्जा प्राप्त है। जिसके कारण पंचायतों में आए दिन निरंतर समस्याएं बढती जा रही हैं इन्हीं समस्याओं में कुछ ऐसी समस्याएं वर्तमान में उत्पन्न हो गई हैं जिनकी विवरण नीचे दिया जा रहा है यदि

इनका तत्काल समाधान न किया गया तो ग्रामीण विकास कार्य ढप हो जायेगा पंचायतों में कराए गए मनरेगा योजना द्वारा कार्य के सामग्री अंश का भूगतान 6 महीने से अधिक हो रहा है अभी तक नहीं किया गया जो कुछ दिसंबर में पैसा आाया था वह मुश्किल से प्रत्येक ब्लॉकों के 4 व 5 ग्राम पंचायतों को ही मिल पाया ग्राम पंचायत मे कोई भुगतान नहीं हो पाया जिससे आपूर्तिकत्ता एवं ग्राम प्रधान आगे काम कराने में असमर्थ हो गए हैं। मनरेगा योजना में मोबाइल ऐप द्वारा हाजिरी लगाने को

लेकर के भी समस्या हो गई है क्योंकि जनपद सोनमद्र में अधिकांश ग्राम पंचायतों में नेटवर्क की समस्या बनी हुईक्षहै ऐसी दशा में कार्यस्थल पर मोबाइल ऐप द्वारा मजदूरों की हाजिरी नहीं लगाई जा सकती माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 15 दिसंबर 2021को उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदो से ग्राम प्रधानों को लखनऊ में बुलाकर उनके सम्मेलन में यह घोषणा की थी की 5 लाख तक के वित्तीय स्वीकृति का अधिकार पंचायतों को सौंप दिए जाएंगे तथा मनरेगा योजना के डोंगल अब ग्राम पंचायतों में ही ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा लगाए जाएंगे किंतु उसका शासनादेश अभी तक जारी नहीं हुआ उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव 2021 के बाद गठित पंचायतों का कार्यकाल पूराक्षकिए बगैर डेढ़ साल बाद ही उनको नगर पंचायत/ नगर पालिका परिषद में सम्मिलित करने का आदेश वापस लिया जाए राज्य वित्त एवं केंद्रीय वित्त की धनराशी जो पंचायत के खाते में भेजी जा रही है उससे पंचायतों की मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। जबकि शहरी क्षेत्रों में अधिक दर से धनराशी भेजी जाती है ग्राम पंचायतों एवं एवं शहरी क्षेत्रों में एक ही दर से धनराशी भेजी जाए ग्राम प्रधानों एवं पंचायत में अन्य संविदा कर्मियों तथा बिजली बिल के भुगतान हेतु अलग से धनराशि पंचायतों के खाते में भेजी जाए पंचायतों के अंतर्गत निहित ग्राम सभा की संपत्तियों का सीमाकन न होने के कारण अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है तत्काल सीमाकन की आवश्यकता है पंचायत की शिक्षा समिति को मानते हुए विद्यालय प्रबंध समिति को तत्काल समाप्त किया जाए प्रधानों की सुरक्षा हेतु उनके अनुरोध पर प्राथमिकता के आधार पर शस्त्र लाइसेंस प्रदान किए जाएं पंचायतों में किसी भी कार्यदाई संस्था द्वारा कार्य कराए जाने के पहले ग्राम पंचायतों से अनापत्ति प्रमाण लेने के बाद ही कार्य कराए जाएं ताकि एक ही काम को दो करदाई संस्थाएं ना कर सकें कोटेदारों द्वारा ग्राम प्रधानों से बिना वितरण रजिस्टर प्रमाणित कराए ही अगला डिमांड कर लिया जाता है इस पर तत्काल रोक लगाई जाए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश मिलने के बावजूद भी ग्राम प्रधानों से अपना स्टॉक रजिस्टर कभी भी चेक नहीं कराना यह भारी अनियमितता है कृपया तत्काल रोक लगाई जाए अतः आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त समस्याओं पर गंभीरता से विचार कर तत्काल समाधान करने की कृपा प्रदान करें। इस दौरान गोपीनाथ गिरी कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन उत्तर प्रदेश, लक्ष्मी कुमार जयसवाल जिलाध्यक्ष मोहन पांडे जिला प्रभारी, आनंद प्रकाश पटेल ग्राम प्रधान प्रतिनिधि तिलौली, जितेंद्र बाल्मीकि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कुरा, इंद्रजीत यादव ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रौप, अरविंद पटेल ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पसही, राम सकल ग्राम प्रधान अरौली तथा जिले के सभी ब्लाकों के ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।

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