ईश्वर प्रसाद महाविद्यालय में संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का हुआ सफल आयोजन
पत्रकारिता, साहित्य, शिक्षा, कृषि, चिकित्सा, कला व संगीत एवं समाज सेवा के क्षेत्र मे किया सम्मान
अवसर था वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी का 75 वां जन्मदिवस
सोनभद्र। सोशल मीडिया के इस दौर में पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांति के साथ खबरों के प्रसार में भी तेजी आयी लेकिन खबरों की विश्वसनीयता घटी है। उक्त बातें मीडिया फोरम ऑफ इण्डिया (न्यास) की जिला इकाई के तत्वावधान में मंगलवार को न्यास के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी के 75 वें जन्मदिवस पर ईश्वर प्रसाद
महाविद्यालय के प्रांगण में आयोजित “भारत के विकास में पत्रकारों की भूमिका” विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि डॉ राम मोहन पाठक ने कही। गौरतलब हो कि पत्रकारों एवं साहित्यकारों के इस महाकुंभ के प्रथम सत्र में आयोजित काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें साहित्य सरिता प्रवाहित होती रही। सोन साहित्य संगम के संयोजक अधिवक्ता/पत्रकार राकेश शरण मिश्र के संचालन व वरिष्ठ
पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी की अध्यक्षता में देश की सुप्रसिद्ध कवयित्री गीतकार डॉ. रचना तिवारी के वाणी वन्दना से कार्यक्रम का आगाज किया। तत्पश्चात सुकृत से आये कवि इकबाल अहमद ने वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी के जन्मदिवस पर उनके सम्मान में “देहला दिखाई पत्रकारिता में नाम हे गुरुजी, हऊवां बडा महान हे गुरुजी” सुनाकर श्रोताओं को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। कवियित्री जयश्री राय ने “शहादत प्यार व सम्मान की जिंदा कहानी है” सुनाकर
वाहवाही लूटी। इसके बाद दिवाकर द्विवेदी ‘मेघ विजयगढ़ी’ ने “यूज एन्ड थ्रो का ऐसा दौर है चला भाई, धीरे धीरे मनमानी दाना पानी हो गया” सुनाकर वर्तमान व्यवस्था पर करारा व्यंग किया तो विजय विनीत ने “कुत्तों की मौत पर लाठी पीटते रह गए” सुनाकर समाज का दर्द बयां किया। कवि प्रभात सिंह चन्देल ने “हो जाऊं अगर कुर्बान मां भारती के चरणों मे मेरे मस्तक पर मेरा भारत महान लिख देना” सुनाकर तालियां बटोरी और राकेश शरण मिश्र ने “जब मुझे था मारना तो क्यो
मुझे पैदा किया” सुनाकर वाहवाही लुटी। ततपश्चात रचनाकारों को लेखनी पुस्तिका प्रशस्ति पत्र व अंग वस्त्रम भेंट कर सारस्वत सम्मान किया गया। वही संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में “भारत के विकास में पत्रकारों की भूमिका” विषय पर विद्वत जनों के सारगर्भित उद्बोधन से सभागार एकाग्रचित्त होकर समय काल और परिस्थितियों का आकलन करते हुए देश के आगामी परिस्थितियों पर मनन मंथन करता रहा। सेवा निवित्त पूर्व संयुक्त परीक्षा नियंत्रक डा. मार्कण्डेय राम पाठक के
अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि यश भारती से सम्मान प्राप्त पूर्व कुलपति प्रो. डॉ राम मोहन पाठक की गरिमामयी उपस्थिति में मुख्यवक्ता आचार्य धीरेन्द्र पाण्डेय ‘मनीषी’, ज्योतिषाचार्य एवं प्रबन्ध सम्पादक हिन्द भाष्कर तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. लाल जी सिंह क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी केन्द्रीय संचार व्यूरो सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार, डा. जयमंगल टिबड़ेवाला अध्यक्ष पूर्वोत्तर साहित्य अकादमी, बद्रीनाथ पाण्डेय एडवोकेट, सरदार दिलावर सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय पत्रकार समन्वय समिति, सन्त कीनाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डा. गोपाल सिंह, ब्लाक प्रमुख रावर्ट्सगंज अजीत रावत और मीडिया फोरम आफ इण्डिया न्यास के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने सम्बोधित किया। मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो. डा. राम मोहन पाठक ने प्राचीन पत्रकारिता से आधुनिक पत्रकारिता के क्षेत्र में हुए अमूल चूल परिवर्तन व चुनौतियों के साथ संचार क्रांति के युग मे सोशल मीडिया के योगदान पर सारगर्भित विचार देते हुए भारत के विकास में पत्रकारों की भूमिका को रेखांकित किया और भविष्य की चुनौतियों पर चिन्ता जाहिर किया। डॉक्टर पाठक ने कहा महात्मा गांधी, महामना पं मदन मोहन मालवीय, गणेश शंकर विद्यार्थी, पं जुगल किशोर शुक्ल बाबूराव विष्णु पराड़कर, बाबू शिव प्रसाद गुप्त की पत्रकारिता और आज की आधुनिक पत्रकारिता का अध्ययन कीजिये परिवर्तन आईने की तरह साफ साफ दिख जायेगा। मुख्य वक्ता हिन्द भाष्कर के प्रबंध सम्पादक आचार्य धीरेन्द्र पाण्डेय ‘मनीषी’ ने पत्रकारिता के क्षेत्र में वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सेवा निवृत्त पूर्व परीक्षा नियंत्रक काशी हिन्दू विश्व विद्यालय डा. मार्कण्डेय राम पाठक ने कहा कि पत्रकारिता हर समय काल मे प्रासंगिक रही है और देश के विकास में पत्रकारों का महनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार व शिक्षाविद भोलानाथ मिश्र तथा धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विमलेश कुमार त्रिपाठी ने किया।
इस दौरान परंपरा अनुसार जनपद के विभूतियों कृषि क्षेत्र में डा. मार्कण्डेय राम पाठक, शिक्षा क्षेत्र में ईश्वर प्रसाद महाविद्यालय के प्रबंधक मनीष पाण्डेय ,
साहित्य क्षेत्र में गीतकार डा. रचना तिवारी, पत्रकारिता क्षेत्र में जगत नारायण विश्वकर्मा, कला व संगीत के क्षेत्र में अभिषेक मिश्रा, चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. ओपी वर्मा और समाज सेवा के खेत में अजय भाटिया को अंगवस्त्रम स्मृति चिन्ह सम्मान पत्र बुके और लेखनी व डायरी देकर सारस्वत सम्मान किया गया।
इसी के साथ जनपद में विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान देने वाले दर्जनों पत्रकारों, साहित्यकारों, समाजसेवियों, अधिवक्ताओं, शिक्षकों समेत छात्र छात्राओं को प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्रम तथा स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।
आगन्तुको का धन्यवाद ज्ञापन मीडिया फोरम आफ इंडिया न्यास के जिलाध्यक्ष सर्वेश श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर आईएफडब्लूजे के राष्ट्रीय पार्षद राजेश द्विवेदी, डीडी न्यूज से सुनील तिवारी, राम चरित मानस नवाह्न पाठ समिति के महामंत्री सुशील पाठक, पूर्व चेयरमैन कृष्ण मुरारी गुप्ता, राजा भाई, मुन्ना सिंह, हिदायत उल्ला खान, तरुण मित्र हिन्दी दैनिक चंदौली के ब्यूरोचीफ के सी श्रीवास्तव, मऊ के वरिष्ठ पत्रकार राजेश दुबे, वरिष्ठ पत्रकार दीपक केसरवानी, जुल्फेकार हैदर, पीयूष त्रिपाठी,विवेक पाण्डेय, राजेश सिंह, मनोज तिवारी, रामजी दुबे, जगदीश तिवारी, शशि चौबे, ज्ञानदास कनौजिया, चिंता पाण्डेय, पार्वती पाण्डेय, संतोष नागर, इमरान बख्सी, मोइनुद्दीन मिंटू, अमरनाथ शर्मा, शिव प्रकाश पाण्डेय, विजय मिश्रा, राम अनुज धर द्विवेदी, अनिल द्विवेदी, अखिलेश मिश्रा, पंकज पाण्डेय, राकेश सिंह, आशीष पाण्डेय, आकाश पाण्डेय, अनिल मिश्रा, हिमांशु मिश्रा, इंदु पाण्डेय, सुरसरी पाण्डेय, धीरज पाण्डेय, नीतीश चतुर्वेदी, राकेश सिंह, डा. नसीम, बंटी दुबे, मस्तराम मिश्रा, संजीव श्रीवास्तव, कृपाल मद्धेशिया , रामजी गुप्ता, कौशल शर्मा, विमल अग्रवाल, समेत पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से सैकड़ों कलमकार जहां मौजूद रहे वही महाविद्यालय की छात्र छात्राएं और प्राध्यापक एवं गणमान्य इसके साक्षी बने।