छः माह से अधिक होने के बाद भी नही हो पा रहा मनरेगा भुकतान
*ग्राम पंचायतों में रखे गए सभी मानदेय कर्मियों का अलग से मिले धन
*ऑनलाइन मजदूरों की हाजरी पर लगे रोक
*मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी नही मिला 5 लाख की वित्तीय स्वीकृति का अधिकार
कोन-सोनभद्र(नवीन चंद)- कोन ब्लाक परिसर में बुधवार को ग्राम प्रधान संघ की बैठक की गई जिसमें ग्यारह सूत्री ज्ञापन खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को दिया गया। ग्राम प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष लक्ष्मी कुमार जायसवाल ने कहा कि जनपद के बहुत गांव ऐसे है जहां अभी नेट चलना तो दूर लोगो को आपस की बात चीत भी नही हो पाती जिससे मनरेगा में कार्यरत मजदूरों का ऑनलाइन हाजरी कैसे लगेगा। छः माह बाद भी मनरेगा के सामग्री भुकतान नही होने से ग्राम
पंचायतों में सामग्री की आपूर्ति नही हो पा रही है जिससे विकास कार्य प्रभवित हो रहा है। वही ब्लाक अध्यक्ष सुजीत यादव ने कहा कि ग्राम पंचायत सचिवालय व सामुदायिक शौचालय में रखे मानदेय सविदा कर्मी का भुकतान राज्य वित्त से न करके अलग से धन का व्यवस्था हो जिससे छोटे ग्राम पंचायतों में धन के अभाव में विकास कार्य बाधित न हो ग्राम पंचायतों की जमीन का सीमांकन हो जिससे विकास कार्य के लिए जमीन उपलब्ध हो सके ग्राम पंचायतों में विद्यालय प्रबन्ध समिति बन्द हो। कोटेदार व आंगनबाड़ी की वितरण बिना ग्राम पंचायतों के सत्यापन पर ही वितरण हो वही मुख्यमंत्री जी द्वारा 5 लाख तक वित्तीय स्वीकृति ग्राम प्रधानों के अधिकार की घोषणा हुआ था जो अभी तक लागू नही हुआ। वही इस बैठक में मुख्य रूप से ग्राम प्रधान कोन सन्तोष पासवान, सरफराज अहमद, अजय कुमार, संजय पासवान, उमेश कुमार, राजेश्वर, विमलेश कुमार आदि 31 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान व प्रतिनिधि मौजूद रहे।