-तीन दोषियों को तीन-तीन वर्ष की कैद व जुर्माना
साढ़े सात वर्ष पूर्व हुए मुनेश्वर हत्याकांड का मामला
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश (सीएडब्लू) सोनभद्र आशुतोष कुमार सिंह की अदालत ने शनिवार को सुनवाई करते हुए साढ़े सात वर्ष पूर्व हुए मुनेश्वर हत्याकांड के मामले में दोषसिद्ध पाकर दोषी भईयालाल को 10 वर्ष की कैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं तीन दोषियों पप्पू जायसवाल, जैहर जायसवाल व मोहन जायसवाल को तीन-तीन वर्ष की कैद व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न अदा करने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी, जबकि अर्थदंड की आधी धनराशि 20 हजार रुपये मृतक की पत्नी को मिलेगा। अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा थाना क्षेत्र के कनहरा परास टोला गांव निवासी मटुक लाल पुत्र मुनेश्वर ने थाने में 11 जुलाई 2015 को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसके पिता मुनेश्वर 30 जून 2015 को सुबह 7:30 बजे खेत की जुताई कर रहे थे। उसी समय हाथ में टँगारी, लाठी-डंडा लेकर गांव के भईया लाल जायसवाल, पप्पू जायसवाल, जैहर जायसवाल व मोहन जायसवाल आ गए और गाली देते हुए मारपीट करने लगे। इसीबीच भईयालाल ने उसके पिता मुनेश्वर की पीठ में टँगारी से प्रहार कर दिया। जिससे उन्हें गम्भीर चोटें आई और दवा इलाज के लिए नेहरू अस्पताल जयंत मध्यप्रदेश में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान पिता मुनेश्वर की 10 जुलाई 2015 को मौत हो गई। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोष सिद्ध पाकर दोषी भईयालाल जायसवाल को 10 वर्ष की कैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं तीन दोषियों पप्पू जायसवाल, जैहर जायसवाल व मोहन जायसवाल को तीन-तीन वर्ष की कैद व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित रहेगी। अर्थदंड की आधी धनराशि 20 हजार रुपये मृतक मुनेश्वर की पत्नी को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।