वज्रपात सुरक्षा एवं जागरूकता कार्यशाला हुआ उद्घाटित
सोनभद्र। आकाशीय बिजली से होने वाली मौतों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और टाइम्स सेंटर फॉर लर्निंग लिमिटेड की ओर से एक नई मुहिम की शुरुआत हुई है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में वज्रपात सुरक्षा एवं जागरूकता कार्यक्रम की 2 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह द्वारा किया गया। बताया कि प्रयागराज, मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों में सबसे ज्यादा आकाशीय बिजली से मौतों की घटनाएं होती हैं। अगर लोगों में आकाशीय बिजली को लेकर जागरूकता लाई जाए तो जन-हानि और पशु-हानि को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उनके मुताबिक मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की प्रेरणा से प्रयागराज से इस अभियान की शुरुआत की गई और मिर्जापुर के बाद सोनभद्र में भी जागरूकता के कार्यक्रम किए जाएंगे। बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिला स्तरीय प्रशिक्षण के बाद ब्लॉक स्तर एवं ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
जागरूक करते हुए कहा कि आकाशीय बिजली आने पर लोग पेड़ के नीचे चले जाते हैं। जबकि वहां सबसे ज्यादा आकाशीय बिजली गिरने की संभावना रहती है। जिलाधिकारी ने बताया कि एक पारदर्शी टेन्डर प्रक्रिया के तहत टाइम्स सेंटर फॉर लर्निंग लिमिटेड का चयन इस परियोजना के कार्यादायी संस्था के रूप मे उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा किया गया है जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री हैं । उन्होंने बताया कि सोनभद्र जिला प्रशासन के लिए आपदा प्रबंधन हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण रहा है क्योंकि यह जनपद वज्रपात एवं अन्य देवीय आपदाओ के दृष्टि मे अत्यंत संवेदनशील है ।
जनपद मे होने वाली वज्रपात की घटनाओ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों मे सही जानकारी के आभाव मे होने वाली मौतों को नहीं रोक जा सका। उन्होने सभी प्रतिभागियो से यह अपेक्षा किया कि सभी प्रतिभागी अपने अपने क्षेत्रो मे जाकर जो भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मे सीखेंगे अपने- अपने विभागो मे उसे आगे बढ़ाएँगे । उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप मे दूधी ब्लॉक ईर्ली वार्निंग सिस्टम भी स्थापित किए जा रहे है । उन्होने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और टाइम्स ग्रुप को इस परियोजना को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया तथा टाइम्स ग्रुप , राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को इस कार्यक्रम को आयोजित करवाने के लिए धन्यवाद दिया।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहदेव मिश्र ने जिला प्रशासन और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कि तरफ से सभी अतिथियों और प्रतिभागियो का धन्यवाद करते हुये कहा कि यह योजना तभी सफल हो सकती है जब इसमे जन भागीदारी का समावेश हो और यही इस योजना का उद्देश्य भी है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी रमेश सिंह ठाकुर ने कहा कि सोनभद्र जनपद वज्रपात कि घटनाओ कि दृष्टि मे अत्यंत संवेदनशील है और यह परियोजना वज्रपात से होने वाली जन हानि को रोकने मे अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी । अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया कि वज्रपात कि घटनाओ मे ज्यादातर लोगों की जान सही जानकारी न होने की वजह से चली जाती है ।
टाइम्स सेंटर फॉर लर्निंग लिमिटेड के तकनीकी विशेषज्ञ एवं मास्टर ट्रेनर मनोज कुमार सिंह ने वज्रपात के कारण , लक्षण, रोकथाम एवं बचाव के उपायों के साथ साथ पूर्व चेतावनी देनी वाली दामिनी एप की भूमिका के बारे मे विस्तार से बताया ।
प्रशिक्षक डॉ सतेन्द्र कुमार ने आपदा प्रबंधन , राज्य एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों की भूमिका एवं अन्य आपदाओ के रोकथाम एवं बचाव के उपायों के बारे मे विस्तार से बताया ।
सबसे प्रभावित सोनभद्र जिले के 637 गावों मे वज्रपात के प्रति जन-जागरूकता का लक्ष्य रखा गया है। प्रशिक्षण के दौरान जिले के सभी उपजिलाधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी रामलाल, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी अनिल कुमार गुप्ता, जिला पूर्ति विभाग के आरओ रिपुसुदन आर्या, आपदा विभाग के ओमकार श्रीवास्तव, आपदा सलाहकार पवन शुक्ला सहित जिला स्तरीय अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
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