श्रद्धालुओं ने की श्री राम दरबार की मंगला आरती

  • मानस पाठ के पांचवे दिन श्रीराम दरबार का हुआ भव्य श्रृंगार

सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। नगर के आरटीएस क्लब मैदान में चल रहे श्रीरामचरितमानस नवाह पाठ महायज्ञ के पांचवें दिन प्रभु श्रीराम दरबार का भव्य श्रृंगार राकेश त्रिपाठी ने किया। इसके बाद समिति के अध्यक्ष सतपाल जैन एवं महामंत्री सुशील पाठक सहित अन्य श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम दरबार की मंगला आरती की। इसके पश्चात मुख्य यजमान अजय शुक्ला ने धर्मपत्नी माधुरी शुक्ला संग रुद्राभिषेक किया। रात्रि प्रवचन के प्रथम सत्र में गोरखपुर से पधारे प्रसिद्ध कथा वाचक हेमंत त्रिपाठी ने कहां कि कैकेई द्वारा राजा दशरथ से दो वरदान मांग कर भगवान राम को 14 वर्षों का वनवास दिला दिया गया

उन्होंने कहा सुना हूं प्राण प्रिय भागव जी का। देहु एक वर भारतहि रोका। मांगहूं इसर कर जोरी। परवहु नाथ मनोरथ मोरी। इस दोहे के अनुसार रामजी आजीवन वनवासी बन जाते हैं लेकिन शिव की कृपा से माने गए वरदान में परिवर्तन हो गया क्या क्या ही ने कहा तापस वेष विशेष उदासी। चौदह वरिस राम वनवासी। यानी राम जी केवल 14 वर्ष के लिए ही

वनवासी हो क्योंकि जिस दिन कैकई ने वरदान मांगा था उस दिन से रावण की आयु मात्र 14 वर्ष ही शेष बचा था।
वहीं प्रवचन के दूसरे सत्र में जमानिया गाजीपुर से पधारे पंडित अखिलेश चंद्र उपाध्याय ने संसार में सुखी कैसे रहा जा सकता है इस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जहां तहं मीर अगाधा। जिमी हरी शरण न एकउ बाधा। बताएं कि संसार के सभी प्राणी सुख चाहते हैं लेकिन सुख मिलता कहां है। सब सुख लइई तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।। भगवान की

शरण में जाने का तरीका आ जाए और उनको अपना रक्षक मान लेने से चारों तरफ सुखी हो जाता है। वही राम कथा की तृतीय सत्र में जौनपुर से पधारे प्रसिद्ध कथा वाचक प्रकाश चंद्र विद्यार्थी ने केवट प्रसंग पर व्याख्यान देते हुए बताया कि मांगी नाव केवट आना। कहीं तुम्हारे मरम में जाना। यानी पूर्व जन्म के मर्म को केवट जानता था गौतम की पत्नी अहिल्या के उधार श्री रामचंद्र ने किया था। इसलिए उसे डर था कि भगवान श्री राम के चरणों में पड़ते ही कहीं वह स्त्री न बन जाए। बाद में फिर भगवान राम का भरोसा पाकर केवट कठौती में अपने घर से जल लेकर आया इसके बाद भगवान श्रीराम का चरण धोकर अपने परिवार सहित पितरों को भी तर कर दिया। मंच का संचालन संतोष कुमार द्विवेदी ने किया।

Translate »