भागवत कथा के समापन पर सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
- भक्तिमय रस में डूबा रहा पूरा भागवत पंडाल
सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। नगर स्थित आर्य समाज मंदिर प्रांगण में आचार्य सौरभ कुमार भारद्वाज के नेतृत्व एवं नरेंद्र गर्ग के संयोजन में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का समापन बुधवार को हुआ। अंतिम दिन श्रीमद्भागवत का रसपान पाने के लिए भक्तों का जनसैलाब कथा स्थल पर उमड़ पड़ा। प्रवचनकर्ता देवी विष्णु प्रिया ने श्रीमद्भागवत कथा का समापन करते हुए कई कथाओं का
भक्तों को श्रवण करवाया, जिसमें प्रभु कृष्ण के 16108 शादियों के प्रसंग के साथ, सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथाएं सुनाई। सुदामा चरित्र व राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा सुनकर श्रोता भक्ति भाव में डूब गए। अयोध्या से पधारी प्रवचन कर्ता देवी विष्णु प्रिया ने कहा कि द्वारपाल ने द्वारिकाधीश से जाकर कहा, प्रभु द्वार पर एक ब्राह्मण आया है और आपसे मिलना चाहता है। वह अपना नाम सुदामा बता रहा है। यह सुनते ही द्वारिकाधीश नंगे पांव मित्र की अगवानी
करने राजमहल के द्वार पर पहुंच गए। यह सब देख वहां लोग यह समझ ही नहीं पाए कि आखिर सुदामा में ऐसा क्या है जो भगवान दौड़े-दौड़े चले आए। सुदामा जी ने भगवान के पास जाकर भी कुछ नहीं मांगा। भगवान श्री कृष्ण अपने स्तर से सुदामा को सब कुछ देते हैं। कथा वाचिका ने सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया इसके बाद उन्होंने परीक्षित मोक्ष की कथा का श्रवण कराया। कथा के समापन के अवसर पर राजस्थान कोटा से पधारे लीला व्यास ज्ञानेश आनंद के द्वारा भव्य सजीव झांकी सजाई गई जिसमें मीरा के वेश में शिवानी पांडे रुकमणी अनीता गर्ग सुदामा आयुष पांडे ने
अपनी सुंदर प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। तो वही कृष्ण- राधे की भूमिका में रही शिवानी एवं शिवांगी पांडे ने फूलों की होली खेली। जिसमें पूरा भागवत पंडाल। भक्तिमय रस में डूब गया। वही संगीतकार दीपा मिश्रा ने एक से बढ़कर एक भक्तिमय भजनों को गाया। इनके साथ आर्गन पर ज्ञानेंद्र दुबे, तबला पर अनुराग झा व पैड पर राकेश ने संगत किया। कथा के समापन के अवसर पर मुख्य यजमान एवं उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिला अध्यक्ष रतनलाल गर्ग ने कथा व्यास, यज्ञआचार्य, मंच आचार्य तथा पूरे कार्यक्रम की कवरेज के लिए मीडिया बंधुओं का आभार व्यक्त किया। वही कथा को सफल बनाने में लगे सभी लोगों को प्रवचन कर्ता विष्णु प्रिया ने सम्मानित किया। सातवें और आखिरी दिन की कथा का समापन मुख्य यजमान रतन लाल गर्ग एवं उनकी धर्मपत्नी अनारकली देवी द्वारा व्यासपीठ एवं भागवत पुराण की गई आरती पूजन के साथ के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्य रूप से सदर विधायक भूपेश चौबे, पूर्व एमएलसी जय प्रकाश चतुर्वेदी, पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार, अविनाश, नरेंद्र, कृष्ण कुमार, विनोद, दीपक कुमार केसरवानी, डॉ सौरभ अग्रवाल, प्रतीक, राम जी बंटी गोयल, काकू, बबलू सहित भारी संख्या में कृष्ण भक्त उपस्थित रहे।