- 13-13 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
- साढ़े 16 वर्ष पूर्व अपहरण कर की गई थी चंदा की हत्या
- मां बबनी देवी को मिली न्याय
सोनभद्र। साढ़े 16 वर्ष पूर्व हुए चंदा हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी दम्पति काशी यादव व माली देवी को उम्रकैद एवं 13-13 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक चोपन थाना क्षेत्र के पटवध गांव की बबनी देबी पत्नी लालमनी ने 14 जुलाई 2006 को चोपन थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी बेटी चंदा 19 जून 2006 को घर से अपने पीसीओ के बिल को जमा करने के बाबत टेलीफोन विभाग के एसडीओ से मिलने चोपन गई थी, लेकिन वह वापस नहीं लौटी। बेटी का रंजिशन चोपन से ही अपहरण करा लिया गया है। उसे पूर्ण संदेह है कि यह कार्य चोपन गांव निवासी काशी यादव व उसकी पत्नी मीला देवी समेत गांव-घर के कई लोगों ने मिलकर किया है। आज तक उसका पता नहीं चला। उसे भय है कि ये लोग बेटी चंदा को मार डालेंगे। इस तहरीर पर काशी यादव पुत्र दशरथ व माली देवी पत्नी काशी यादव निवासीगण कुरहुल, थाना चोपन, जिला सोनभद्र समेत अन्य आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया गया था। पुलिस विवेचना के दौरान चंदा का शव जंगल से बरामद हुआ था। पर्याप्त सबूत पाए जाने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी काशी यादव व मीला देवी को उम्रकैद एवं 13-13 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय प्रकाश यादव ने बहस की।