मधुमेह को सिर्फ दवा से नहीं बल्कि जागरूकता से रोका जा सकता है-डॉ मधुकर राय

अनपरा सोनभद्र।हिण्डाल्को रेनुसागर के टीटीएमडीसी में मधुमेह रोग से निजात पाने के लिये महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मधुमेह के कारणों और उसके निवारण को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में आये बीएचयू के चिकित्‍सा विज्ञान संस्‍थान से मेडिसीन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मधुकर राय ने कहा कि डायबिटीज एक आजीवन रहने वाली बीमारी है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें मरीज़ के शरीर के रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बहुत अधिक होता है।इस लिये मधुमेह को सिर्फ दवा से नहीं बल्कि जागरूकता से रोका जा सकता है। आहार-विहार की इसमें सबसे बड़ी भूमिका होती है। लोग यदि जागरूक नहीं हुए तो आने वाला समय काफी मुश्किलों से भरा होगा। कार्यशाला में हिण्डाल्को रेनुसागर के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को सम्बोधित करते हुये रेनुसागर हेल्थ सेंटर के चिकित्साधिकारी डॉक्टर अभय कुमार दुबे ने बताया कि मधुमेह का प्रबंधन करने में संतुलित जीवनशैली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और बीमारी का सटीक प्रबंधन करने के लिए ग्लाइसेमिया पर आहार और शारीरिक गतिविधियों के प्रभाव को समझना आवश्यक है।डॉक्टर दुबे ने कहा कि डायबिटीज मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है जिसके कारण वो इंसान डिप्रेशन, और एंग्जाइटी का शिकार हो जाता है। मानसिक संतुलन के लिए ज़रूरी है की खून में शुगर लेवल की मात्रा सही हो।कार्यशाला के अंत मे हिण्डाल्को रेनुसागर के अध्यक्ष ऊर्जा के पी यादव ने मुख्यातिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर डॉक्टर अनिता ,डॉ प्रतेश ,डॉ मनोज ,डॉ सोनी सहित भारी संख्या में अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

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