चार दोषियों को 3-3 वर्ष की कैद

  • प्रत्येक पर साढ़े छह हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 9-9 माह की अतिरिक्त कैद
  • 18 वर्ष पूर्व धर्मराज की बेरहमी से हुई पिटाई का मामला

सोनभद्र। 18 वर्ष पूर्व धर्मराज की बेरहमी से हुई पिटाई के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों शिवा सिंह, पवन सिंह, संजय सिंह व रंजन कुमार सिंह को 3-3 वर्ष की कैद एवं प्रत्येक को साढ़े छह हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर 9-9 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक अनपरा थाना क्षेत्र के रेनुसागर कालोनी निवासी शिवसागर सिंह पुत्र कन्हई सिंह ने 6 जुलाई 2004 को दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसका बेटा धर्मराज सीधा साधा लड़का है। उसे कुछ दबंग लोग अपने साथ लेकर गलत कार्य कराना चाहते हैं। जब लड़के ने कार्य करने से इनकार कर दिया तो 5 जुलाई 2004 को रात करीब 10-11 बजे के बीच जब बीटा धर्मराज होटल से खाना खाकर घर लौट रहा था तभी घात लगाकर रेनुसागर निवासी पहले से बैठे शिवा सिंह, पवन सिंह, संजय सिंह व रंजन कुमार सिंह ने कालोनी परिसर में बेटे की बेरहमी से पिटाई कर दी और उसे मरा हुआ समझ कर छोड़कर चले गए। बेटे को आने-जाने वालों ने देखा तो उसे अस्पताल में ले जाकर छोड़ दिया। सूचना मिलने पर अस्पताल जाकर देखा तो बेटे को बेरहमी से पीटा गया था। डॉक्टर भी ध्यान नहीं दे रहे थे तब वहां से डीबुलगंज अस्पताल में लाकर भर्ती कराया और दवा इलाज शुरू हुआ। एक्सरे के लिए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। इस तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों शिवा सिंह, पवन सिंह, संजय सिंह व रंजन कुमार सिंह को 3-3 वर्ष की कैद एवं प्रत्येक पर साढ़े छह हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 9-9 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय प्रकाश यादव ने बहस की।

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