रुनुक झुनक पायल बाजे तोर पऊयां—

सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। नगर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाकर श्रोताओं की तालियां बटोरी। अध्यक्षता लोकप्रिय गीतकार जगदीश पंथी ने तथा संचालन अशोक तिवारी ने किया। मां शारदे की स्तुति से शुरू हुआ कवि सम्मेलन कवि जगदीश पंथी के शहर शहर टहर टहर देख लिया,,तथा रुनुक झुनुक पायल बाजै ननद तोरे पउवां,,सुनाकर वाहवाही लूटी। श्रेष्ठ गीतकार ईश्वर विरागी ने व्यवस्था पर चोट करती सारगर्भित- रचना आंगन आंगन पीड़ा के बादल कब तक बरसेंगे– सुनाकर लोगों की वेदना को मुखर स्वर दिए। संचालन कर रहे शायर अशोक तिवारी ने कौमी एकता को समर्पित शायरी, में रब से बेगाने मजहब के दीवाने

निकले–सुनाकर लोगों को सदभाव समरसता एकता का पैगाम दिए। कवि प्रद्युम्न त्रिपाठी ने ओज व वीर रस की रचना से राष्ट्र वाद की भावना का संचार किया। नव गीतकार दिलीप सिंह दीपक ने देश प्रेम की रचना मोहब्बत की जमी है ए इसका सम्मान मत बेचो–सुनाकर सबको राष्ट्र धर्म के प्रति सचेत कर खूब तालियां बजवाया। हास्य व्यंग के कवि जयराम सोनी ने कोरोना तथा देश के हालात पर करीने से कविता पाठ कर लोगों को खूब हंसाये। कवयित्री कौशिल्या चौहान ने नारी शक्ति को प्रणम्य रचना- मुझको अबला मत समझो मैं झांसी वाली रानी हूं,,,,अद्भुत काव्यपाठ कर गतिज उर्जावान प्रदाता बनीं। इस दौरान ओमप्रकाश तिवारी, चन्द्रिका यादव, बबलू पंडित, विजयशंकर, अनमोल मणि, अमरनाथ पांडेय, लछमन तिवारी आदि देर रात तक जमे रहे। आयोजक प्रेमनाथ सोनी ने आभार व्यक्त किया।

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