स्थानीय रेलवे के लगातार तानाशाही रवैया से नगर का माहौल हुआ तल्ख
चोपन~सोनभद्र(सत्यदेव पांडेय)। शुक्रवार को नगर का माहौल एक बार फिर तल्ख हो गया जब रेलवे फोर्स और बुलडोजर लेकर प्रितनगर में जा धमका जैसे ही इस बात की जानकारी लोगों में हुई तो माहौल तल्ख हो गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पूर्व रेलवे के द्वारा नगर के विभिन्न स्थानों पर निवास कर रहे दर्जनों लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा करा दिया गया जिसमें शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने का फरमान जारी था। जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे नगर के समाजसेवीयो व भाजपा नेताओं ने इसकी सूचना उच्चधिकारियों को दी सूचना पाकर मौके पर पहुचे ओबरा एसडीएम राजेश सिंह, तहसीलदार सुशील कुमार,रेलवे के एईएन, उप कमांडेंट आरपीएफ अरुण कुमार,के साथ ही लेखपाल व राजस्व विभाग से जुड़े लोगों के समक्ष व्यापारियों व आम जनमानस के अधिवक्ता अमित सिंह द्वारा सभी
दस्तावेज पुरजोर तरीके से प्रस्तुत किया गया। अधिवक्ता अमित सिंह ने कहा कि रेलवे के आईओडब्लू द्वारा बेवजह व्यापारियों को एवं नगरवासियों को नोटिस जारी कर परेशान किया जा रहा है अगर रेलवे की जमीन में अवैध अतिक्रमण है तो रेलवे पूरा साक्ष्य के साथ अपना पक्ष रखे क्योंकि अब तक जब भी रेलवे अपना साक्ष्य रखता है वे कहीं से भी सही नहीं है जो भी व्यक्ति अपने आराजी में वर्षों से मौजूदा समय में काविज है वह सरकार को बाकायदा स्टांप शुल्क दिया है जिसे अब रेलवे अपनी जमीन बता रही है। गुरुवार की देर साम रेलवे द्वारा जगह जगह मुनादी करवाया जाने लगा कि शुक्रवार को अतिक्रमण हटाया जायेगा जिसके बाद नगर में जहाँ माहौल तल्ख हो गया वहीं लोगों में आक्रोश भी फैलने लगा और शुक्रवार को 11 बजे सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष प्रितनगर पहुँच गये। बड़ा सवाल यह है कि बाजार की जमीन हो या फिर प्रीतनगर की जमीन, जिसे रेलवे विभाग आज वर्षों बाद अपना बता रहा है उसके पास भी कोई मजबूत आधार या दलील नहीं है। जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके पास मौजूद दस्तावेजों को रेलवे मानने को तैयार नहीं और रेलवे के पास कोई ठोस साक्ष्य नहीं है लेकिन आईओडब्लू द्वारा जबरन फोर्स के बल पर तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है। वहीं राजस्व विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि रेलवे विभाग को बुलडोजर चलवाने से रोकना, क्योंकि प्रदेश के मुखिया सीएम योगी ने साफ कहा था कि किसी भी गरीब के घर पर बुलडोजर नहीं चलना चाहिए । जबकि रेलवे को इससे कोई मतलब नहीं । सवाल तो यह भी खड़ा हो रहा है कि वर्षों बाद रेलवे उक्त जमीन को अपना क्यों बताने में लगी है जब लोग उक्त जमीन पर अपना आशियाना बना रहे थे तो उस समय रेलवे द्वारा क्यों नहीं रोका गया यदि किसी जमीन की वजह से लॉ एंड ऑर्डर प्रभावित हो रहा है तो उसका स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है न कि उसे टालने की। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि संजीव त्रिपाठी,चेयरमैन प्रतिनिधि उस्मान अली,भाजपा मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह, संजय जैन, शेर खान,नगर पंचायत सभाषद रूपा देवी, रमेश मिश्रा, महेंद्र केशरी,अधिवक्ता दिनेश पाण्डेय, विट्टू सिंह, विनोद तिवारी,मोमबहादूर, सर्वजीत यादव, सहित सैकड़ों की संख्या में नगरवासी मौजूद रहे।