हत्या के दोषियों को उम्रकैद

  • प्रत्येक को 35 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद
  • 20 वर्ष पूर्व हुए शिवकुमार केशरी हत्याकांड का मामला

विधि संवाददाता,

सोनभद्र। 20 वर्ष पूर्व हुए शिवकुमार केशरी हत्याकांड के मामले में वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषियों सरोज यादव व मृत्युंजय रॉय को उम्रकैद एवं 35-35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं एक अन्य आरोपी दोषमुक्त हो गया, जबकि किशोर अपराधी उमेश रॉय की पत्रावली अलग कर दी गई है जो किशोर न्यायालय में विचाराधीन है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा टैक्सी स्टैंड निवासी राजकुमार केशरी ने 5 अगस्त 2002 को ओबरा थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसके भाई शिवकुमार केशरी की मार्शल जीप को 2 अगस्त 2002 को एक लड़का जो अपने को सेक्टर 8 ओबरा का निवासी बताकर साथियों के साथ विंध्याचल दर्शन के लिए जाने की बात करके बुक किया और 3 अगस्त 2002 को 4 बजे भोर में दर्शन के लिए सभी लोग गए और भाई ही गाड़ी चलाकर ले गया। उसके बाद भाई वापस नहीं लौटा। इस तहरीर पर पुलिस ने पहले गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज की और बाद में हत्या समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने मामले की विवेचना किया और पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में बिहार प्रांत के बक्सर जिला अंतर्गत धनसोइ थाना के गोवर्धन पुर निवासी सरोज यादव पुत्र बालेश्वर यादव व बक्सर जिला के राजपुर थानांतर्गत सरेज गांव निवासी मृत्युंजय रॉय पुत्र बब्बन रॉय समेत 4 लोगों के विरुद्ध हत्या समेत विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों सरोज यादव व मृतुन्जय रॉय को उम्रकैद एवं 35-35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं एक अन्य आरोपी तेजनरायन को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया, जबकि एक किशोर अपराधी उमेश रॉय पुत्र हरिनाथ रॉय की पत्रावली अलग कर दी गई है। यह मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने की।

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