(आदित्य सोनी)
रेणुकूट (सोनभद्र)। डाला छठ पर्व सोमवार को प्रातः काल सूर्योदय के उपरांत उदीयमान सूर्य को रेणुकूट पिपरी, मुर्धवा मुरधवा खार पत्थर तथा सभी औद्योगिक क्षेत्र केआवासीय परिसरों में भी आस्था व श्रद्धा के साथ अर्ध दे ने के उपरांत महान डाला छठ पर्व का समापन हुआ। डाला छठ पर्व पर रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को आर्य देने के उपरांत पूरी रात व्रती महिलाएं अपने-अपने बेदी के अपने-अपने डाल में सूप में हल्दी नाशपाती से छूटने के ला हमरो संतरा अनार गन्ना मूंगफली अदरक नारियल आदि विभिन्न प्रकार के फल को

रखकर पास बैठकर भजन गाती रहें की कांचे ही बांस के बहंगिया लचकत जाए, जागी हो सुरुज देव भोर भाईल अनेकों गीतों को गाकर अपने बेदी के पास रात भर अखंड दीप जलाकर सूर्य भगवान के उदय होने की प्रतीक्षा में भक्त रहे कुछ वृद्धि महिलाएं अपने अपने घरों में कोशिका मन्नत था उस मन्नत के लिए उन्होंने कोसी भरा। प्रातः काल 4:00 बजे भोर से ही व्रती महिलाएं अपने-अपने छठ घाट में पानी से भरे छठ घाट में प्रवेश कर सूर्य भगवान के निकलने की प्रतीक्षा में हाथ जोड़कर खड़े रहे और प्रतीक्षा कर रहे थे कि कब भगवान भास्कर का उदय होगा तथा अर्घ देने के बाद हमारा व्रत का

समापन होगा। समूचे नगर में पिपरी में लगभग डेढ़ दर्जन स्थानों पर हनुमान मंदिर काली मंदिर छठ घाट , रिहंद जलाशय छठ घाट डेढ़ दर्जन स्थानों पर घाट बने थे जबकि रेणुकूट नगर पंचायत परिक्षेत्र में औद्योगिक कॉलोनी परिसरों के अलावा लगभग 3 दर्जन स्थानों पर छठ घाट बनाए गए थे छठ घाटों के अलावा नगर पंचायत रेणुकूट के हाईटेक कंपनी के पास बने आवासीय परिसरों में लोगों ने अपने घरों में स्वयं छठ घाट बनाकर पूजन किया। प्रातः काल सूर्योदय होने पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के उपरांत इस महान डाला पर्व छठ का समापन हुआ।
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