रामलीला में हुआ लंका दहन का मंचन

चोपन-सोनभद्र(सत्यदेव पांडेय)। रेलवे रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के नौवे दिन भभुआ बिहार से आये कलाकारों द्वारा लंका दहन का शानदार मंचन किया गया। मंचन के द्वारा दिखाया गया कि माता सीता की खोज में निकले हनुमान जी ने लंकापुरी की राक्षसिका लंकिनी का वध करके नगर में प्रवेश किया, जहां उनका रावण के भाई विभीषण से मिलन हुआ। हनुमान जी ने विभीषण से माता सीता का पता जानकर अशोक वाटिका में प्रवेश किये । जहां माता सीता के सामने श्रीराम की दी हुई मुद्रिका को डालकर अपना परिचय दिया। फिर माता सीता की आज्ञा से अशोक वाटिका के फल खाने के बहाने हनुमान जी ने वृक्षों को तोड़ना शुरू कर दिया

और रक्षकों को मारकर भगा दिया। ये सुनकर रावण अपने पुत्र अक्षय कुमार को सैनिकों के साथ वहां भेजते हैं, किंतु हनुमान जी उसका वध कर देते हैं। फिर रावण अपने ज्येष्ठ पुत्र मेघनाद को भेजता है। श्रीराम का कार्य करने की इच्छा से हनुमान स्वयं को मेघनाद के बंधन में स्वीकार कर रावण के समक्ष पहुंचते हैं। जहां रावण व हनुमान जी के बीच रोचक संवाद होता है। रावण के आदेश से हनुमान जी की पूंछ में आग लगा देते हैं जिसके बाद हनुमान जी इससे पूरी लंकापुरी को ही जला डालते हैं। अंत में जानकी को समझाकर उनसे चूड़ामणि पहचान स्वरूप प्राप्त कर श्रीराम के पास प्रस्थान करते हैं। रामलीला का संचालन वरिष्ठ पत्रकार मनोज चौबे ने किया। इस मौके पर रामलीला समिति के अध्यक्ष सुनील सिंह,संजय जैन, सत्यप्रकाश तिवारी,प्रदीप अग्रवाल,रोशन सिंह,सुशील पाण्डेय,अभिषेक दुबे,अंकित पाण्डेय, सुरेश जायसवाल, शुसील पाण्डेय,विकास सिंह छोटकू,रणवीर सिंह,मोमबहादुर इत्यादि लोग मौजूद रहे। इसी तरह चोपन बैरियर पर आयोजित रामलीला में भी लंका दहन का मंचन किया गया। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष अजय सिंह,संजीव त्रिपाठी, नरसिंह त्रिपाठी, सुरेन्द्र पाण्डेय,सभासद सुशील साहनी,लवकुश भारती,बाबूलाल, सुजीत शर्मा,मनमोहन निषाद,सुल्तान कुरैशी इत्यादि लोग मौजूद रहे।

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