आदित्य सोनी
रेनुकूट (सोनभद्र)। हिण्डाल्को रामलीला परिषद द्वारा हिण्डाल्को रामलीला मैदान पर दूसरे दिन की रामलीला का शुभारंभ राजा दशरथ द्वारा किये गये पुत्रेष्ठि यज्ञ के सजीव मंचन के साथ हुआ।पुत्रेष्ठि यज्ञ से राजा दशरथ की तीनों रानियों कौशल्या, कैकेई और सुमित्रा को पुत्र रत्नों की प्राप्ति होती है। रामलला के जन्म की खबर पर पूरे अयोध्या में खुशी की लहर दौड़ जाती है और रामलला के दर्शन पाकर मैदान पर उपस्थित हजारों दशकों में भी उल्लास छा जाता है और पूरा मैदान श्री राम के जयकारे से गूंज उठता है और इसके बाद की लीलाओं में गुरू वशिष्ठ नामकरण करते हुए चारों भाइयों को क्रमशः राम, लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न का नाम प्रदान करते हैं। आगे चारों भाई गुरू वशिष्ठ के आश्रम में शिक्षा प्राप्त करते
हुए अपने बाल सुलभ लीलाओं से दर्शकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इसके उपरान्त श्री राम एवं लक्ष्मण द्वारा मुनि विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा राक्षसों से करने का दृश्य भी बहुत ही सजीवता से मंचित किया जाता है। उधर जनकपुर में पड़े भीषण अकाल से प्रजा की रक्षा हेतु राजा जनक स्वयं हल चलाते हैं और सीता उत्पत्ति का बेहद मनोहारी दृश्य देखकर लीला प्रेमी मंत्र-मुग्ध हो जाते हैं। आगे की लीलाओं में श्री राम द्वारा अहिल्या का उद्धार एवं राम-लक्षमण के जनकपुर भ्रमण आदि का दृश्य भी बहुत ही सजीवता से मंचित होता है। दूसरे दिन की लीला से पूर्व मुख्य अतिथि रतन सोमानी एवं श्रीमती जयश्री सोमानी ने विशिष्ट अतिथि मानव संसाधन प्रमुख जसबीर सिंह एवं श्रीमती सीमा मलहोत्रा, वनीता वासनिक, परनीत सिंह, मेजर सीमा चहल शुक्ला, रामलीला परिषद के अध्यक्ष पीके उपाध्याय एवं निर्देशक सुनील परवाल आदि के साथ विधि-विधान से गणेश पूजन करके लीला का शुभारंभ किया। श्री उपाध्याय ने बताया कि तीसरे दिन सीताजी द्वारा गौरी पूजन, धनुष यज्ञ,लक्ष्मण-परशुराम संवाद, राम-सीता विवाह आदि लीलाओं का मंचन किया जाएगा।