दुद्धी-सोनभद्र। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के पावन बेला पर होटल ग्रीन स्टार में रविवार की रात्रि में नामी-गिरामी कवियों के कविताओं से पूरी रात अमृत कविता की बरसात होती रही। इस दौरान क्षेत्र के आदिवासी बच्चों के द्वारा मनोरम आदिवासी करमा नृत्य गीत की प्रस्तुति की गई। जिसे सुधी श्रोताओं ने जमकर करमा नृत्य का लुफ्त उठाया वही कार्यक्रम को खूब सराहा गया। तत्पश्चात प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए कवियों की बाड़ी से कविताओं की रसधार आ का प्रवाह शुरू हुआ जो देर रात तक अवैध रूप से चलता रहा। जाने-माने
गीतकार जगदीश पंथी में मां सरस्वती के गीत बंधन से कार्यक्रम का आगाज हुआ। जगदीश पंथी ने मां की वंदना में अंधकार भागे मैया ऐसी रोशनी दो धर्म-कर्म की नई जिंदगी दो। मां की वंदना ने कवि सम्मेलन के सुधी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पंथी जी की दूसरी कविता भारत मां का सुंदर एक परिधान तिरंगा प्यारा है हर भारतवासी के दिल का अभिमान तिरंगा प्यारा है। इस कविता ने राष्ट्रभक्ति से श्रोताओं को ओतप्रोत कर दिया। कभी अर्थात विष्णु ने अपने कविता के माध्यम से गंगा जमन की ऐसी धारा नहीं और जहान में स्वर्ग से उतरी गई सिर्फ हिंदुस्तान में। लखनलाल जंगली की कविता में गहरी कर पश्चिम पुरी बसखारी आबे संगी संगीत चाहे बैठ बसिया बजाने की कविता ने आदिवासियों के जीवन पर आधारित कविता को श्रोताओं ने खूब सराहा। प्रदुमन त्रिपाठी
पदम ने मां का तेरे ना हो दाग दामन कभी सर कटाते रहेंगे वतन के लिए। के कविता ने राष्ट्रभक्ति से लोगों को ओतप्रोत किया। कमलेश पांडे की कविता में मनु ज बोले यह कैसी खामोशी है तड़पता देश है तेरा कैसी मदहोशी है। कवित्री आसमा बानो तराना मैं अपने कविता में हम साथ हैं आवाज हैं हम पर नाज रखना हम भारत के रखवाले हम पर ताज रखना। की रचना ने श्रोताओं ने खूब सराहा। कवित्री कौशल्या कुमारी चौहान मैं अपने कविता में देश की खूब बखान किया जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा। देश ही मेरा सब कुछ है मैं देश की दीवानी हूं मुझको अबला मत समझो मैं झांसी वाली रानी हूं। धनंजय सिंह ने अपने कविता में जंगो जदल करो तुम हथियार हमसे लो नगद नहीं अगर है तो उठा हमसे लो मशहूर है हमारा हर एक असलहा बंदूक तीर्थो या तलवार हमसे लो यही पहले भी होता था यही फिलहाल होता है आदमी भी बन जाए तो इस्तेमाल होता है परिंदे अपनी नसों को नहीं समझ सके अब तक कि जिस का दाना होता है उसी का जाल होता है। की कविताओं को श्रोताओं ने खूब ठहाके मारे। अजय चतुर्वेदी कक्का राजनीति में आकर चोरी अगर ना करते तो क्या करते आप बताओ वोटर में क्या हम भूखे प्यासे मरते की कविता नेताओं को खूब हंसाया। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यसभा सांसद रामसकल ने मां सरस्वती के चित्र पर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण एवंदीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का आगाज किया। राज्यसभा सांसद ने इस मौके पर एक कजरी गीत की भी प्रस्तुति की और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके पश्चात मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद राम शकल को पंडित दीनदयाल उपाध्याय विकास मंच के अध्यक्ष डॉ लव कुश प्रजापति ने एक माला बाबा केदारनाथ का गले में पहना कर स्वागत किया तत्पश्चात अंगवस्त्रम और माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ कार्यवाह रविंद्र जयसवाल को माला रबड़ और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। रामलीला मंचन कमेटी के मैनेजर कमलेश सिंह कमल को राज्यसभा सांसद रामसकल जी ने करीब 4 दशकों से रामलीला मंचन का कार्य करने और संपादित करने पर स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।इसके बाद मंच पर उपस्थित कवि और कवित्री यों को भी अंग वस्त्र और माल्यार्पण कर सम्मान किया गया। तत्पश्चात कर्मा नृत्य गीत अन्य प्रतियोगिता में विजेता छात्र-छात्राओं को मोमेंटो और प्रमाण पत्र मुख्य अतिथि के द्वारादेकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर आयोजक मंडल के संरक्षक महेश आनंद भाई पंडित दीनदयाल उपाध्याय विचार मंच के अध्यक्ष डॉ लवकुश प्रजापति रामलोचन तिवारी रामेश्वर प्रसाद राय क्रय विक्रय चेयरमैन राकेश कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट जवाहर लाल अग्रहरी एडवोकेट महामंत्री जितेंद्र चंद्रवंशी शिव शंकर प्रसाद कमलेश मोहन विंध्यवासिनी प्रसाद नंदलाल प्रेमचंद यादव डॉ विनय कुमार श्रीवास्तव धीरेंद्र प्रताप सिंह अंजनी सिंह मनोज सिंह मंडल अध्यक्ष भाजपा उमेश चंद्र गुप्त एडवोकेट तारा देवी डॉक्टर हर्षवर्धन कृष्ण कुमार चौरसिया जयंत प्रसाद राजबहादुर राजकुमार राजावत कृष्ण कुमार चौरसिया संजय कुमार सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन महामंत्री जितेंद्र कुमार चंद्रवंशी ने आगंतुक अतिथियों एवं कवियों का आभार प्रगट साहित्य के अंदाज में किया l