प्रखर समाजसेवी, लोकतंत्र सेनानी योगेश शेखर को किया याद

तीसरी पुण्यतिथि पर सर्वधर्म समभाव के रूप में श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन

सोंनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। लोकतंत्र सेनानी, प्रखर समाजसेवी, सोन साहित्य संगम के संस्थापक निदेशक रहे स्मृति शेष योगेश शुक्ल उर्फ योगेश शेखर जी की तृतीय पुण्यतिथि पर सोमवार को उनके निज आवास “योगीताश्रम” में श्रद्धाजंलि सभा एवं काब्य गोष्ठी का आयोजन सोन साहित्य संगम के तत्वाधान में किया गया। अध्यक्षता सोन साहित्य संगम के निदेशक मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी एवं संचालन संस्था के संयोजक अधिवक्ता राकेश शरण मिश्र ने किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि गीत कस्तूरी साहित्यिक संस्था की अध्यक्ष डां रचना तिवारी व अति विशिष्ट अतिथि के रूप में कांग्रेस नेता राजेश द्विवेदी उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक किशोर न्यायालय बोर्ड

के सदस्य डॉ ओम प्रकाश त्रिपाठी, पूर्व चेयरमैन नगर पालिका परिषद रॉबर्ट्सगंज कृष्ण मुरारी गुप्ता,अपना दल के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पटेल, बसपा के वरिष्ठ नेता अविनाश शुक्ल उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में आये हुए अतिथियों द्वारा योगेश शुक्ल जी के चित्र पर माल्यार्पण, द्वीप प्रज्ज्वलित एवम पुष्प अर्पित करके श्रद्धाजंली अर्पित किया गया। तदोपरांत उपस्थित कवियों अमरनाथ अजेय , दिवाकर मेघ विजयगढी, सरोज सिंह, सुशील राही, जय राम सोनी,

राधेश्याम पाल एवं अन्य आगत अतिथियों द्वारा कविता पाठ और उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विचार व्यक्त कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए। इस दौरान योगेश शुक्ल के पुत्र पुत्रियों विलियम शुक्ल, पुरु शुक्ल, क्रांति शुक्ला, निनी शुक्ला द्वारा सभा की अध्यक्षता कर रहे मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी का योगेश शुक्ल स्मृति सम्मान से अंगवस्त्र ओढ़ा एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। वही मुख्य अतिथि रचना तिवारी ने योगेश शुक्ल के साथ बिताए गए समय को याद करते हुए उन्हें विशाल ब्यक्तित्व का स्वामी बताया। साथ ही आए हुए अतिथियों ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें सर्वधर्म समभाव का संवाहक, महान समाज सेवी, बेमिसाल ब्यक्तित्व का स्वामी बताया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से हिदायत उल्ला खां, अनिल कुमार मिश्र,डी डी पांडेय, रवि प्रकाश चौबे, दिव्यांशु चौरसिया, अवधेश चौबे, पंकज सिंह, सोनेन्द्र सिंह, श्यामा चरण गिरी एवं नगर के अनेकों संभ्रांत लोग उपस्थित थे।

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