आने वाले वक्त में विश्व की भाषा होगी हिंदी:-बिश्वनाथ मुखर्जी
सिगरौली।करोड़ों लोगों की मातृभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन हर साल किया जाता है। हिंदी भाषा का प्रयोग भारत के लगभग आधे क्षेत्र में किया जाता है। इसके अलावा कई अन्य देश भी है जहां हिंदी भाषियों की संख्या अच्छी खासी है। हिंदी को अब देश से लेकर विदेशों तक में बढ़ावा दिया जाता है। इसी मकसद से हर साल राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंडालको महान द्वारा हिंदी भाषा के महत्ता पर आओ जाने अपने हिंदुस्तान को इस पर हिंदी प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बरगंवा क्षेत्र के दस स्कूलों से 30 बच्चो ने भाग लिया,जिसमे रॉयल स्कूल,गायत्री स्कूल,ब्राइट स्कूल,एक्सीलेंट स्कूल,सी.एम.राइज स्कूल,गुरुकुल स्कूल,एस. एल.पब्लिक स्कूल,शासकीय हाई स्कूल घिनहा गांव,सरस्वती शिशु मंदिर मझिगँवा शामिल हुये, जिसमे रॉयल स्कूल विजयी रहा, प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का संचालन सी.एस. आर.विभाग से शीतल श्रीवास्तव व बीरेंद्र पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम में बच्चो को संबोधित करते हुये मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी ने कहा कि हिंदी भाषा हमारी राष्ट्रीय भाषा नही है,ये राजकीय भाषा है। 14 सितंबर 1949 को देवनागरी लिपि हिंदी को भारत की राजभाषा तौर पर स्वीकार किया गया था। वहीं, 26 जनवरी 1950 को संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी। इसके अलावा अंग्रेजी को भी मान्यता दी गई है। राज्यों को अपनी आधिकारिक भाषा को मान्यता देने की छूट है।आप सब बच्चे अंग्रेजी भाषा के साथ साथ हिंदी विषयों पर भी जोर दे,आज भी कई प्रदेशों की राज भाषा हिंदी है जिसके कारण शासकीय पत्रों के पाठन,लेखन व शासकीय नौकरी करने के लिये हिंदी जानने की अनिवार्यता है ।आज हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है,आगामी भविष्य में हिंदी, विश्व की नेतृत्व करने वाली भाषा बनने के कगार पे है। कार्यक्रम में हिंडालको महान के हिंदी भाषा मे लेखन कार्य करने के लिये,सी.एस.आर.विभाग से विजय वैश्य,जनसंपर्क विभाग से बीरेंद्र पाण्डेय, कार्मिक विभाग से आलोक पाण्डेय,आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल में हिंदी विषय मे पाठन के लिये श्रद्धा सिंह को पुरुस्कार देकर सम्मानित किया,साथ ही प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में विजेता व समस्त प्रतिभागियो को भी पुरस्कृत किया । कार्यक्रम के अंत मे सी.एस.आर.विभाग प्रमुख संजय सिंह ने सभी प्रतिभागियों का हौसला वर्धन करते हुये कहा कि जो बच्चे इस प्रतियोगिता में विजयी हुये हैं,उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं,जो नही जीत पाये वो निराश न हो क्यो की हर रात के बाद सुबह होती है,एक प्रतियोगिता से किसी बच्चे की बौद्धिक प्रतिभा का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता, इस लिये अगली बार नई ऊर्जा और अच्छी तैयारी के साथ आये ।वही हिंदी दिवस कार्यक्रम के सफल संचालन में धीरेन्द्र तिवारी,खुशबू गुप्ता,देवेश त्रिपाठी, अरविंद वैश्य,संजीव वैश्य का विशेष योगदान रहा।