हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा को बढ़ावा देने हेतु विद्वानों ने व्यक्त की सारगर्भित अभिव्यक्ति

हिंदी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता पर हुई चर्चा

संत कीनाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय लोढी में अमृत- सम्मान से समानित हुए दर्जनों साहित्यकार

सर्वेश श्रीवास्तव

सोनभद्र । हिंदी दिवस पर जनपद मुख्यालय के समीप लोढी स्थित संत कीनाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय
सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी एवं अमृत सम्मान समारोह में दर्जनों
साहित्यकारों को अमृत- सम्मान – 2022 से सम्मानित किया गया । आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि प्रज्ञा प्रवाह के
पूर्वी उत्तर प्रदेश , बिहार व झारखण्ड के संयोजक संघ प्रचारक

रामाशीष जी ने भाषा- भूषा , संस्कृति , संस्कार , जीवन मूल्य , सांस्कृतिक विरासत को हिन्दी समेत भारत की सभी भाषाओं को एक ही परिवार के सदस्य के रूप में रेखांकित करते हुए इसके वैश्विक महत्व पर प्रकाश डाला । आयोजक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ गोपाल सिंह ने वर्तमान परिस्थितियों और विश्वव्यापी हिन्दी के विस्तार व आवश्कता को उधृत करते हुए अकाट्य तर्क दिए । कथाकार रामनाथ
शिवेंद्र और विजय शंकर चतुर्वेदी ने हिंदी भाषा की सामाजिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय जीवन के परिपेक्ष में निरूपण किया ।
उप निदेशक अंकित कुमार सिंह ने मंचस्थ साहित्यकारों
का सारस्वत सम्मान किया । इसके पूर्व माँ सरस्वती और
संत कीनाराम के चित्र पर अभ्यागतों ने माल्यार्पण कर
दीप प्रज्ज्वलित किए । सभा का संचालन पत्रकार भोलानाथ मिश्र ने किया । अमृत सम्मान 2022 से सम्मानित होने वाले साहित्यकारों में पारसनाथ मिश्र , मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी, डॉ रचना तिवारी, ईश्वर विरागी, जगदीश पंथी, रामनाथ शिवेंद्र ,

कमलेश राजहंस , सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र , कवि प्रद्युम्न कुमार त्रिपाठी पदम् , दिवाकर द्विवेदी ‘मेघ विजयगढ़ी’ , डॉ वीरेंद्र प्रकाश सिंगला , प्रभात सिंह चंदेल , अशोक कुमार तिवारी , विकास वर्मा , जयराम सोनी , अमरनाथ अजेय , कौशल्या चौहान , दयानंद दयालु, दिलीप सिंह दीपक , सुधाकर स्वदेश प्रेम, उमाकांत चतुर्वेदी आदि प्रमुख रहे जिन्हें हिंदी को बढ़ावा देने के लिए पुष्पा हार, अंगवस्त्रम, सम्मान पत्र और लेखनी प्रदान कर डॉक्टर गोपाल सिंह एवं अन्य अतिथियों ने सम्मानित किया। इस मौके पर महाविद्यालय की छात्र-छात्राएं, अध्यापक अध्यापिकाएं और अभिभावक मौजूद रहे।

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