उप मुख्यमंत्री जी! एक नजर इधर भी

सुखे की मार झेलने को विवश हैं बड़हर के अन्नदाता

सोनलिफ्ट से जोड़ दिया जाए तो क्षेत्र के भी किसान होंगे खुशहाल

सर्वेश कुमार/ज्ञानदास कन्नौजिया

शाहगंज (सोनभद्र)। इलाके के किसान हर साल खेती करते हैं, लेकिन वह इस बात को लेकर सशंकित और चिन्तित भी रहते हैं कि कहीं मानसून ने दगा न दे दे। होता भी वही जिसका डर रहता है। ऐसे में अन्नदाताओं ने सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की निगाह इस ओर फेरने और इसका समाधान करने का आग्रह किया है। वह भी ऐसे समय में जब डिप्टी सीएम का आगमन जनपद में हो रहा हो। बताया जाता है कि इस क्षेत्र में सिंचाई का समुचित साधन उपलब्ध नहीं है। शाहगंज राजवाहा और छोटी-मोटी बंधिओं से जुड़े इलाके को

छोड़ दिया जाए तो दक्षिणी भाग के राजपुर, रैपुरा, बराक, बरौली, सठही, तिवारी, सोनवटी, सोनवट, ढुटेर, बनौरा, जमगाव, सहुआर, उसरी, बेलाटांड़, गोबरिया, ओड़हथा, पिपरी, कुशहरा,सोहदवल, खजुरी खुर्द, खजुरी कला, डोहरी, सोतिल, बंधा, भैरवा, डिवर, धनावल, बालडी़ह सहित दर्जनों गांवों में केवल भगवान भरोसे ही खेती होती है। आए वर्षा अवर्षण के कारण यहां के किसानों को सूखे की मार झेलनी पड़ती है। कभी-कभार ही इंद्रदेव इन पर खुश रहते हैं। इस साल तो इस क्षेत्र के किसान सूखे की आग से झुलसने को मजबूर हैं। अगर यहां के अन्नदाताओं की कहानी लिखनी हो तो स्याही नहीं आंखों वाला पानी चाहिए? किसानों का आरोप है कि सब कुछ जानते हुए भी जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या का निस्तारण करने की या तो कोशिश नहीं की अथवा दिलचस्पी ही नहीं ली। सिर्फ चुनाव में ही कोरा आश्वासन देते रहे हैं। आखिर यह किसानों की पानी की समस्या कब तक चलता रहेगा। इस पर क्षेत्र के किसानों ने सोनभद्र में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आगमन की सूचना पाकर बड़ी आस के साथ ध्यान आकर्षित कराया है!

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