👉सनक और अवधारणा के आधार पर नहीं चलते मुकदमा –विकाश शाक्य
👉राजनीतिक फायदे के लिए इम्तियाज हत्याकांड को सुर्खियां बनाई जा रही है
सोनभद्र। चोपन चेयरमैन इम्तियाज हत्याकांड के एक प्रक्रिर्ण वाद की सुनवाई के क्रम में उस्मान अली की ओर से प्रस्तुत झूठा शपथ पत्र के संबंध में सत्र न्यायाधीश ने कहा था कि सनक और धारणा के आधार पर कोई आदेश प्राप्त करने में सफल हो जाता है तो वह स्वयं में अपराध है उक्त बातें राकेश जयसवाल के अधिवक्ता विकाश शाक्य ने पुलिस अधीक्षक के आदेश पर पुनः इम्तियाज हत्याकांड की होगी विवेचना की झूठी भ्रामक खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही ।
श्री शाक्य ने कहा कि इम्तियाज हत्याकांड की कोई विवेचना पुलिस अधीक्षक के आदेश पर नहीं की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने संबंधित घटना के बाद पुलिस द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 की उद्घोषणा पर अभियुक्त के उपस्थित नहीं होने पर एक अतिरिक्त मुकदमा अपराध संख्या 19 सन 2019 चोपन थाने में दर्ज था इसी के संबंध में 5 अगस्त 2022 को थाना चोपन के प्रभारी निरीक्षक को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 173 (8 )में विवेचना करने का आदेश दिया है जिसकी विवेचना प्रचलित है। इस प्रकरण को इम्तियाज हत्याकांड में फिर होगी जांच की सुर्खियां महज राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने साफ किया कि इम्तियाज हत्याकांड की जांच पूर्ण होकर आरोपी बनाए गए राकेश जायसवाल को सीबीसीआईडी की उच्च स्तरीय विवेचना में निर्दोष पाकर क्लोजर रिपोर्ट अदालत भेज दिया था परंतु वादी उस्मान अली ने प्रोटेस्ट कर कुछ बिंदुओं पर आगे जांच कराने की याचना की थी, जिस पर अदालत के आदेश पर सीबीसीआईडी उन बिंदुओं की दोबारा जांच कर रही है।
शाक्य ने कहा कि किसी के सनक और अवधारणा पर मुकदमे नहीं चला करते हैं इम्तियाज हत्याकांड में अब महज राजनीतिक फायदे के लिए सुर्खियां बनाया जा रहा है इस तरह के कृत्य से न्याय की संभावनाएं प्रभावित होती हैं।