वाद्ययंत्रों के साथ साथ शास्त्रीय संगीत की भी शिक्षा देने की हिण्डाल्को महान की पहल

सिगरौली।हिण्डाल्को महान ने निगमित सामाजिक दायित्व के तहत बरैनिया में शुरू की महान संगीत शिक्षा केन्द्र संगीत सभी के जीवन में अहम भूमिका निभाता है। यह हमें खाली समय में व्यस्त रखता है और हमारे जीवन को शान्त पूर्ण बनाता है। सुव्यवस्थित ध्वनि, जो रस की सृष्टि से उत्पन्न होती है, वह संगीत कहलाती है। संगीत के मोहन-सुर की मादकता का जीव जगत पर जो प्रभाव पड़ता है, वह किसी से छिपा नहीं है।
हिंडालको महान ने निगमित सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुये कंपनी प्रमुख सेन्थिल नाथ के नेतृत्व में आम लोग भी गीत संगीत की शिक्षा ले पाये इसके लिये ग्राम बरैनिया में महान संगीत शिक्षा केन्द्र का उद्घाटन कंपनी के मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी ने फीता काटकर किया,कार्यक्रम में संगीत की शिक्षा के लिये आतुर जनों को मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुख़र्जी ने कहा कि आप लोग म्यूजिक में कैरियर बना सकते हैं। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि आप म्यूजिक को भी अन्य विषय की तरह समय,मेहनत जरूर दे,
नियमित रूप से म्यूजिक की क्लासेज करना और घर पर भी उसका रियाज करना।साथ ही
संगीत के आचार्य की ओर से दिए गए सबक को ध्यान से सुनना और अमल करके सफल
म्यूजीशियन भी बन सकते हैं।कार्यक्रम में संगीताचार्य बृजेन्द्र शास्त्री ने बताया कि यहाँ आस पास के कई बच्चे संगीत की शिक्षा लेने के लिये आतुर हैं और हिंडालको महान के प्रयास जो हमे वाद्य यंत्र दिए गये हैं उनसे लोगो को संगीत की शिक्षा प्राप्त करने में मदगार साबित होंगें व सफल संगीतज्ञ बनेंगे।कार्यक्रम में सी.एस.आर.प्रमुख संजय सिंह ने संगीताचार्य को हारमोनियम,तबला,और बासुरी वाद्य यंत्र प्रदान कर संगीत केंद्र का शुभारंभ किया।वही कार्यक्रम में हिंडालको महान के सी.एस. आर.विभाग धीरेन्द्र तिवारी,शीतल श्रीवास्तव,बीरेंद्र पाण्डेय,खलालू,अरविंद,व जियालाल मौजूद रहे।

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