दहेज हत्या:दोषी पति समेत चार को 10-10 वर्ष की कैद

दहेज हत्या: दोषी पति समेत चार को 10-10 वर्ष की कैद

  • 26-26 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • तीन आरोपी दोषमुक्त
  • सावित्री हत्याकांड का मामला

सोनभद्र। साढ़े छह वर्ष पूर्व हुई सावित्री हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पति समेत चार लोगों को 10-10 वर्ष की कैद व 26-26 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जबकि तीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली में 3 नवंबर 2015 को दी तहरीर में घोरावल कोतवाली क्षेत्र के बरसोता गांव निवासी कन्हैया सिंह पुत्र शंभू सिंह ने अवगत कराया था कि उसकी बेटी सावित्री की शादी 3 वर्ष पूर्व राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के मानपुर गांव निवासी विजेंद्र मौर्या पुत्र बच्चालाल मौर्य के साथ हुआ था। जब बेटी विदा होकर अपनी ससुराल गई तो वहां पर 3-4 दिन रही। दहेज में सोने की सिकड़ी, अंगूठी व 5 हजार रुपये नकद की मांग को लेकर उसका पति विजेंद्र मौर्या, ससुर बच्चेलाल मौर्या, सास निर्मला देवी, जेठ छविनाथ मौर्या आदि लोग उसे प्रताड़ित करने लगे। जब बेटी मायके आयी तो सारी बात बतायी। इसकी जानकारी होने पर बेटी की ससुराल जाकर लोगों को काफी समझाया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। बेटी को डेढ़ वर्ष का बेटा भी पैदा हुआ है। दहेज की मांग पूरी नहीं हुई तो 22 अक्तूबर 2015 को बेटी को सभीलोगों ने जला दिया। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस तहरीर पर राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने दहेज हत्या में एफआईआर दर्ज कर लिया और पुलिस विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति विजेंद्र मौर्या, ससुर बच्चेलाल मौर्या, सास निर्मला देवी व जेठ छविंदर मौर्या को 10-10 वर्ष की कैद व 26-26 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जबकि तीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय यादव ने बहस की।

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