दोषी पत्नी अनिता को 7 वर्ष की कैद
- 7 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद
- जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी
- 6 वर्ष पूर्व हुए दयाली हत्याकांड का मामला
सोनभद्र। सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए 6 वर्ष पूर्व हुए दयाली हत्याकांड के मामले में दोषसिद्ध पाकर दोषी पत्नी अनिता देवी को 7 वर्ष की कैद एवं 7 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के जपला गांव निवासी सुखलाल यादव पुत्र स्वर्गीय कालीचरन यादव ने 9 नवंबर 2016 को कोतवाली दुद्धी में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसे 10 बेटे और एक बेटी है। पांचवें नंबर का बेटा दयाली 8-10 साल पूर्व ओबरा में मजदूरी करते समय ओबरा थाना क्षेत्र के वैदपुरा सागरदह गांव निवासी बिहारी लाल की बेटी अनिता देवी को घर ले आया। विवश होकर उसकी शादी करनी पड़ी। उसे तीन बच्चे हैं, जिसमें एक बेटा रंजीत व दो बेटियां हैं। दयाली और अनिता के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था। छठ के दिन भी 6 नवंबर 2016 की रात में दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। जिसमें उसके लड़की को भी चोट आयी थी। जब सुबह अनिता से पूछा गया कि दयाली कहां है तो उसने बताया कि वह उसे मारपीट कर भाग गया है। 9 नवंबर को सुबह 7 बजे उसका बेटा रंजीत ने बताया कि उसके पापा दयाली को उसकी मम्मी अनिता ने फराठी से मारकर खेत में ले जाकर जमीन के नीचे भाठ दिया है। उसके बाद गांव वालों के साथ जाकर खेत में नई मिट्टी देखा और उसे खुदवाया तो दयाली की लाश मिली। अनिता ने हत्या करके लाश को छुपा दिया था। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पत्नी अनिता देवी को 7 वर्ष की कैद एवं 7 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने बहस की।