आशा हत्याकांड: दोषी पति को उम्रकैद
- 25 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद
- ससुर समेत दो आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त
सोनभद्र। सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने शनिवार को सुनवाई करते हुए आशा हत्याकांड के मामले में दोषसिद्ध पाकर दोषी पति आनंद कुमार दुबे उर्फ पंडित को उम्रकैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं साक्ष्य के अभाव में ससुर समेत दो आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र के केवाल गांव निवासी श्याम बिहारी तिवारी पुत्र स्वर्गीय राम आधार तिवारी ने राबर्ट्सगंज कोतवाली में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी बेटी आशा की शादी रायपुर थाना क्षेत्र के गोटीबांध गांव निवासी आनंद कुमार दुबे उर्फ पंडित पुत्र सम्पूर्णानन्द दुबे के साथ हुई थी। ससुराल जाने पर दहेज में मोटरसाइकिल की मांग की जाने लगी। जिसके लिए बेटी आशा को प्रताड़ित किया जाने लगा। इसकी जानकारी 27 जुलाई 2013 को बेटी द्वारा मोबाइल से दी गई तो बेटी के पति को समझाया गया, लेकिन कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसीबीच 31 जुलाई 2013 को आशा के मौत की सूचना मिली। बेटी की हत्या कर उसकी लाश को ससुराल वाले छुपाना चाहते हैं। जिससे साफ जाहिर होता है कि बेटी आशा की हत्या करके साक्ष्य को छुपाने का कार्य किया गया है। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति आनन्द कुमार दुबे उर्फ पंडित को उम्रकैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर तीन
माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं ससुर सम्पूर्णानन्द दुबे व सुरेश चौबे को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने बहस की।