दुष्कर्म के दोषी सहायक प्रबंधक को 20 वर्ष की कैद
-2 लाख 61 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
- दोषी माता-पिता को 4-4 वर्ष की कैद व 41-41 हजार रुपये अर्थदंड की सजा, एक आरोपी दोषमुक्त
- 7 वर्ष पूर्व शादी का झांसा देकर अध्यापिका के साथ दुष्कर्म करने एवं वीडियो क्लिप बनाकर ब्लैकमेल करने का मामला
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश (सीएडब्लू) सोनभद्र आसुतोष सिंह की अदालत ने 7 वर्ष पूर्व शादी का झांसा देकर अध्यापिका के साथ दुष्कर्म करने व वीडियो क्लिप बनाकर ब्लैकमेल करने के मामले में सुनवाई करते हुए वृहस्पतिवार को दोषसिद्ध पाकर दोषी सहायक प्रबंधक अतीश कुमार सिंह को 20 वर्ष की कैद एवं 2 लाख 61 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं दोषी माता-पिता को 4-4 वर्ष की कैद एवं 41-41 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त करार दिया। वहीं अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की अध्यापिका ने 17 जून 2016 को थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी सगाई राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के मधुपुर गांव निवासी अतीश कुमार सिंह पुत्र डॉक्टर रामकृत सिंह जो सहायक प्रबंधक एनटीपीसी विंध्याचल सिंगरौली मध्यप्रदेश रहे से 23 अप्रैल 2015 में हुई थी। उसके बाद शादी का झांसा देकर बाहर ले जाकर उसे नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और वीडियो क्लिप बनाकर ब्लैकमेल भी करता रहा। दहेज में माता आशा देवी व पिता डॉक्टर रामकृत ने 15 लाख रुपये भी ले लिया। बाद में शादी करने से इंकार कर दिया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी सहायक प्रबंधक अतीश कुमार सिंह को 20 वर्ष की कैद एवं 2 लाख 61 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं दोषी आशा देवी व डॉक्टर रामकृत सिंह को दोषसिद्ध पाकर 4-4 वर्ष की कैद एवं 41-41 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।अर्थदंड न देने पर 2-2 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं एक आरोपी बिजेंद्र को दोषमुक्त करार दिया। अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से फौजदारी के वरिष्ठ अधिवक्ता बी सिंह व सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक एडवोकेट ने बहस की।